Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 16 Nov, 2020 06:55 PM
संधिवात गठिया के उपचार में काम आने वाली दवा कोविड-19 से संक्रमित बुजुर्ग मरीजों के मरने के जोखिम को घटा सकती है, ऐसे में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई...
यूपी डेस्कः संधिवात गठिया के उपचार में काम आने वाली दवा कोविड-19 से संक्रमित बुजुर्ग मरीजों के मरने के जोखिम को घटा सकती है, ऐसे में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक नया हथियार मिल जाएगा। एक अध्ययन में ऐसा कहा गया है। पत्रिका साइंसेज एडवांसेज में प्रकाशित इस अध्ययन में 81 साल के औसत आयु के 83 मरीजों को बैरीसिटनिब नामक दवा दी गयी थी।
बता दें कि इन मरीजों को मध्यम से गंभीर कोविड-19 संक्रमण था। प्रारंभ में ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम मेधा के माध्यम से इसे एक ऐसे दवा के रूप में पहचान की जिसका वायरस या सूजन विरोधी असर है। इस अध्ययन में सामने आया कि जिन मरीजों को यह दवा दी गयी उनमें इस दवा का सेवन नहीं करने वाले मरीजों की तुलना में मौत का खतरा 71 फीसद घट गया। अध्ययन से यह भी पता चला कि जिन मरीजों को यह दवा दी गयी, उनमें 17 फीसद की मौत हुई या उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखने की जरूरत हुई, जबकि इस दवा का सेवन नहीं करने वाले मरीजों में इस स्थिति से गुजरने वाले 35 फीसद थे।
अनुंसधान दल ने कहा कि इस निष्कर्ष को बड़े पैमाने पर क्लीनिकल परीक्षण में परखा जा रहा है। इस अध्ययन के सह लेखक इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर जस्टिन स्टेब्बिंग ने कहा ‘‘ जबतक हम टीके के व्यापक रूप से उपलब्ध हो जाने का इंतजार कर रहे हैं तबतक हम कोविड-19 के और प्रभावी उपचार की सख्त जरूरत हैं।