Edited By Ramkesh,Updated: 17 Apr, 2025 02:42 PM

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश प्रेमी जोड़ा की सुरक्षा को लेकर सख्त टिप्पणी कोर्ट ने की है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केवल भाग कर शादी करने पर सुरक्षा का दावा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट कहा कि यदि आपके जीवन को वास्तविक खतरा है...
प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश प्रेमी जोड़ा की सुरक्षा को लेकर सख्त टिप्पणी कोर्ट ने की है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केवल भाग कर शादी करने पर सुरक्षा का दावा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट कहा कि यदि आपके जीवन को वास्तविक खतरा है तो सुरक्षा प्रदान की जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि माता- पिता और समाज से ऊपर हो कर शादी की है तो समाज का सामना करना सीखना होगा।
शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन की लगाई थी गुहार
दरअसल, चित्रकूट के कर्वी थाना निवासी श्रेया ने कोर्ट से शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में विपक्षियों के हस्तक्षेप न करने के लिए निर्देश देने की गुहार लगाई थी। इसी मामले में न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव ने यह आदेश दिया है। सुरक्षा की गुवाहर वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए कपल
कोर्ट ने कहा कि याचियों ने एसपी चित्रकूट को प्रत्यावेदन दिया है। पुलिस वास्तविक खतरे के मुताबिक कानूनी कदम उठा सकती है। रिकॉर्ड में ऐसा कोई तथ्य नहीं है, जिससे यह प्रतीत हो कि याचियों को गंभीर खतरा है और उन्हें सुरक्षा मिलनी चाहिए। विपक्षियों की ओर से याचियों पर शारीरिक या मानसिक हमला करने का कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। जिस वजह से उनकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बनाया आधार
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट रूप से यह माना गया है कि कोर्ट ऐसे युवाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए नहीं हैं, जो अपनी इच्छा से शादी करने के लिए भाग गए हैं। इस केस में ऐसा कोई आधार नहीं मिला कि याचिकाकर्ताओं का जीवन और स्वतंत्रता खतरे में है।