पार्टी में शिवपाल की भूमिका बढ़ाने को लेकर मिले अखिलेश, पुराने नेताओं की सपा में हो सकती है वापसी

Edited By Prashant Tiwari,Updated: 08 Feb, 2023 12:38 PM

akhilesh met to increase shivpal s role in the party

लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : देश में अगले साल होने वाले लोकसभा के आम चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव  Akhilesh Yadav अभी से सक्रिय हो गए हैं। पहले देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां के प्रभावशाली नेताओं के सात...

लखनऊ (अश्वनी कुमार सिंह) : देश में अगले साल होने वाले लोकसभा के आम चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव  Akhilesh Yadav अभी से सक्रिय हो गए हैं। पहले देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां के प्रभावशाली नेताओं के सात बैठक कर चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा third march बनाने की कवायद exercise करना हो या सूबे में पार्टी को मजबूत करने के साथ पिछले चुनावों में दूर हुए नेताओं को फिर से पार्टी के साथ जोड़ने की कवायद तेज करना हो। इसके लिए सपा प्रमुख मंगलवार की शाम अपने चाचा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव National General Secretary Shivpal Singh Yadav से मिलने उनके लखनऊ स्थित आवास 7 विक्रमादित्य मार्ग Vikramaditya Marg पर पहुंचे। जहां करीब 1 घंटे चली बैठक के दौरान चाचा-भतीजा ने पार्टी को फिर से सूबे में मजबूत करने के साथ केंद्र व राज्य की सत्ता पर काबीज BJP को सत्ता से बेदखल करने की रणनीति पर चर्चा किया।  

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विधानसभा में आगे की सीट दें सकती है सपा
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी आगामी विधानसभा सत्रों assembly sessions में शिवपाल सिंह यादव को सत्र में भाग लेने के लिए आगे की सीट दें सकती हैं। किसी भी नेता के आगे की सीट पर बैठना उसकी महत्वता को बताता हैं। 2016 में अखिलेश यादव से मनमुटाव के बाद जब शिवपाल ने सपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) बनाई तो सपा प्रमुख ने उनसे विधानसभा में उनसे आगे की सीट भी छिन ली। जिसके बाद से लगातार सपा प्रमुख व शिवपाल सिंह यादव  के बीच दूरियां बढ़ती रहीं और सपा का विधायक होने के बावजूद शिलपाल सिंह यादव उपेक्षित neglected होते रहें। हालांकि साल 2022 में अक्टूबर के महीने में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद दोनों के बीच दूरियां कम हुई तो शिवपाल सिंह यादव ने मैनपुरी में बहु डिंपल को उपचुनाव जितकाकर संसद भेजा और अपनी पार्टी का सपा में विलय कर लिया तो अखिलेश यादव ने भी चाचा को सम्मान देते हुए उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया। इसके साथ ही वह उनके कद को भी लागातार बढ़ा रहे हैं।  

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पुराने कार्यकर्ताओं की हो सकती हैं घर वापसी
मंगलवार को दोनों नेताओं के साथ हुई बैठक इस बात पर भी चर्चा हुआ कि पिछले चुनावों elections में टिकट न मिलने व चाचा भतीजे के लड़ाई में पार्टी को छोड़ने व दूसरे दलों में गए नेताओं व कार्यकर्तओं की भी पार्टी में वापसी कराई जाए। ये नेता पार्टी को आगामी चुनाव में पार्टी को मजबूत करने के साथ दूसरे दलों के बड़े नेताओं को भी अपने साथ ले कर आएंगे। इन नेताओं की मार्च से घर वापसी करा इन्हें जिम्मेदारी दी जाए। जिससे पार्टी आगामी चुनाव में BJP से मजबूती के साथ मुकाबला कर सकें।  

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पूर्वांचल में पार्टी को मजबूत करेगी सपा
बताते चले कि उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल पिछड़ा बहुल होने के कारण से सपा का गढ़ रहा हैं लेकिन 2014 के मोदी लहर से ही सपा का यह गढ़ गिर गया हैं। पार्टी पूर्वांचल में विधानसभा में तो थोड़ी मजबूत स्थिती में है लेकिन लोकसभा के आम चुनावों में बहुत कमजोर स्थिती में हैं। यहां के अधिकतम सिटों पर BJP या उसके सहयोगी दल ही चुनाव जीत रहे हैं। खुद 2022 के जून महिनें में आजमगढ़ के लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में पार्टी अपनी परंपरागत सीट हार गई थी। जिसके बाद से पार्टी हाईकमान को लगने लगा की अगर पार्टी को पूर्वांचल में मजबूत नहीं किया गया तो आगामी चुनाव के भी नतीजे ऐसे हो सकते हैं। इसलिए पार्टी ने पूर्वांचल के रण को साधने के लिए फिर से अपने पुराने नेताओं को साथ जोड़ने के साथ अलग अलग मुद्दों पर आंदोलन करेगी। 

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