सतीश मिश्रा की पत्नी के बाद अब बेटे कपिल मिश्रा की राजनीति में एंट्री, कहा- 'बुआ को 5वीं बार CM बनाना है'

Edited By Umakant yadav,Updated: 04 Sep, 2021 07:03 PM

after satish mishra s wife now son kapil mishra s entry in politics

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सभी राजनैतिक पार्टियां अपने वोटबैंक को लेकर प्रचार-प्रसार को गति देने में जुट हुई है। इसी बीच बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा के बाद अब बेटे कपिल मिश्रा की राजनीति में एंट्री...

कानपुर: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले सभी राजनैतिक पार्टियां अपने वोटबैंक को लेकर प्रचार-प्रसार को गति देने में जुट हुई है। इसी बीच बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा के बाद अब बेटे कपिल मिश्रा की राजनीति में एंट्री हो गई है। शनिवार को कानपुर में कपिल मिश्रा बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन (ब्राह्मण सम्मेलन) को लीड कर रहे थे जहां वह मायावती को बुआ से संबोधित कर बोट मांगा। उन्होंने कहा कि बुआ (मायावती) को पांचवी बार मुख्यमंत्री बनाना है। मुझे पार्टी से किसी पद की उम्मीद नहीं है। मेरे लिए इतना ही काफी है कि मै सतीश चंद्र मिश्रा का बेटा हूं और बसपा प्रमुख मायावती का भतीजा हूं। 

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महिलाओं के बाद अब बसपा का ध्यान ब्राह्मण युवाओं पर केंद्रित
कानपुर में आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन को संबोधित करते हुए नवयुवक कपिल मिश्रा ने आरक्षण के बहाने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सबकुछ प्राइवेट हाथों में बेच दिया है। जब ये गवर्नमेंट यूनिट्स नहीं रहेगी तो फिर क्या आरक्षण और क्या नौकरियां, ये आप भलीभांति आप समझ सकते हैं। इसलिए 2022 चुनाव में इनको असली जगह पहुंचाना होगा। बता दें कि बता दें कि ब्राह्मणों को लुभाने के अपने अभियान में, बसपा ने महिलाओं के बाद अब अपना ध्यान ब्राह्मण समुदाय के युवाओं पर केंद्रित करने का फैसला किया है।

'जिसकी जितनी तैयारी उसकी उतनी भागीदारी'
वहीं सतीश चंद्र मिश्रा ने ब्राह्मणों को आगाह करते हुए कहा कि यूपी में 16 प्रतिशत ब्राह्मण है। सब एक हो जाए तो प्रदेश में सत्ता पा सकते हैं। लेकिन इसके लिए दलित और मुस्लिम के साथ भाई चारा बनना पड़ेगा। इसी तरह हमें सभी को लेकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि 2007 में 15 कैबिनेट मंत्री ब्राह्मण समाज से बने थे। एक दर्जन से ज्यादा ब्राह्मणों को एमएलसी भी बनाने का कार्य किया है। इतना ही नही कई शीर्ष पदों पर और लेखपाल तक को ब्राह्मणों को तैनात किया गया था। ब्राह्मण समाज से 5 हजार जिला प्रतिनिधि नियुक्त किये थे। 29500 ग्राम सभाओं का समग्र विकास कार्य किया गया।

‘मेरे परिवार से कोई भी राजनीति के लिए पार्टी में नहीं शामिल हुआ’
मिश्रा ने कहा कि पूर्व मंत्री अनन्त मिश्र को स्पष्ट करना चाहूंगा कि मेरे पुत्र सिर्फ इसलिए लगे हुये हैं कि हर कीमत पर सिर्फ बसपा की सरकार लानी है, मेरे परिवार से कोई भी राजनीति के लिए पार्टी में नहीं शामिल हुआ है। मेरा बेटा भी किसी राजनीति विरासत के लिए नहीं आये हैं।

गौरतलब है कि यूपी में 23 जुलाई को अयोध्या से बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की शुरुआत की गई थी। सम्मेलन को शुरू करने से पहले वहां राम जन्मभूमि और हनुमान गढ़ी में आशीर्वाद लिया था। कानपुर 73 वां जिला है। जहां पर प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसके बाद फतेहपुर जिले में प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन होगा।

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