राम मंदिर के बाद अब किस की बारी, जानिए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने क्या दिया जवाब ?

Edited By Ramkesh,Updated: 03 Dec, 2025 12:53 PM

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि सबकी भलाई का प्रतीक भव्य राम मंदिर अब बन चुका है और अगला कदम भी शानदार, शक्तिशाली और सुंदर राष्ट्रीय मंदिर बनाना है।

यूपी डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि सबकी भलाई का प्रतीक भव्य राम मंदिर अब बन चुका है और अगला कदम भी शानदार, शक्तिशाली और सुंदर राष्ट्रीय मंदिर बनाना है। भावगत यहां आरएसएस के शताब्दी वर्ष समारोह के तहत कोथरूड के यशवंतराव चव्हाण नाट्यगृह में आदित्य प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित आभार समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में जगद्गुरु शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती स्वामी, आदित्य प्रतिष्ठान के अध्यक्ष शंकर अभ्यंकर और अपर्णा अभ्यंकर शामिल हुए। 

एक मजबूत देश ही दुनिया में शांति ला सकता है
डॉ. भागवत ने कहा कि संघ में कोई अहंकार या जिम्मेदारी की भावना नहीं है क्योंकि संघ समाज के लिए निस्वार्थ भाव से काम करता है। उन्होंने कहा, 'संघ पूरे समाज का संगठन चाहता है। एक एकजुट समाज ही देश को खुशहाल बना सकता है और एक मजबूत देश ही दुनिया में शांति ला सकता है। हमारा यह दावा नहीं है कि सिफऱ् संघ ही देश का भला करेगा। उन्होंने कहा कि अगर समाज मज़बूत होगा तो देश अपने आप ऊपर उठेगा।

भारत की हिंदू संस्कृति पूरी दुनिया को एक परिवार मानती है
संघ इसलिए बढ़ा क्योंकि मुश्किल समय में समाज ने उसका साथ दिया।' इस मौके पर शंकर अभ्यंकर ने कहा कि हमलों की वजह से दुनिया के कई सामाजिक मानदंड खत्म हो गए, लेकिन भारत की हिंदू संस्कृति जो पूरी दुनिया को एक परिवार मानती है, बची रही। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश राज भी भारत की पहचान तोड़ने के लिए किया गया हमला था।

लोकतांत्रिक मूल्य सनातन धर्म में ही है
जगद्गुरु शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती स्वामी ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति इंसानियत को दुनिया की भलाई की ओर ले जाती है। कई भाषाओं, परंपराओं और इलाकों के बावजूद, भारत में लोकतंत्र इसलिए कामयाब हुआ है क्योंकि लोकतांत्रिक मूल्य सनातन धर्म में ही हैं। उन्होंने कहा कि आज, अच्छे लोगों को मज़बूत बनाकर लोकतंत्र को मज़बूत करना होगा। कार्यक्रम में वैश्विक संत भारती महाविष्णु मंदिर का शिलान्यास किया गया एवं विश्वकोष खंड भारतीय उपासना के तीसरे संस्करण को जारी किया गया और जितेंद्र अभ्यंकर के ऑडियो एल्बम‘पंढरिश'को लॉन्च किया गया। 

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