हरिद्वारः 11वीं के छात्र ने खेती के लिए मानव मल की कमी को दूर करने के लिए किया शोध

Edited By Nitika,Updated: 01 Feb, 2022 01:26 PM

student did research to overcome the shortage of human excreta

उत्तराखंड के हरिद्वार की गायत्री विद्यापीठ में 11वीं कक्षा के छात्र देवस्य देसाई का राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए चयन हुआ है।

 

नई दिल्ली/हरिद्वारः उत्तराखंड के हरिद्वार की गायत्री विद्यापीठ में 11वीं कक्षा के छात्र देवस्य देसाई का राज्य स्तरीय राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के लिए चयन हुआ है। 16 वर्षीय देसाई ने खेती के लिए मानव मल की कमी को दूर करने के लिए जैव कवकनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडाइ के साथ मानव मल के व्यवहार पर शोध किया है।

देसाई ने बताया कि भारत में रोज़ाना 1.20 लाख टन से ज्यादा मानव मल निकलता है लेकिन इसका 78 फीसदी खुले मैदान में या जल निकायों में चला जाता है और इसका पुन: इस्तेमाल नहीं हो पाता।” उन्होंने कहा, ‘ऐसे में, मैंने मानव मल में जैव कवकनाशक ट्राइकोडर्मा विरिडाइ को मिलाया और इसके व्यवहार पर अध्ययन किया। मैंने पाया कि इससे मल में रोगाणु का स्तर कम हो गया और पौंधों के लिए लाभकारी जैविक और सल्फर का स्तर बढ़ा और यह खेती के लिए उपयोगी पदार्थ बन गया और यह दो हफ्ते से भी कम समय में जैव खाद बन गया।”

एक बयान के मुताबिक, देसाई ने जिला स्तर पर जीत हासिल करने के बाद राज्य स्तरीय राष्ट्रीय विज्ञान बाल कांग्रेस में अपने शोध पत्र पेश किए थे, जहां उन्हें शनिवार को पुरस्कृत किया गया। उनके साथ ही 135 अन्य परियोजनाओं को भी पुरस्कृत किया गया है। बयान में कहा गया है कि वह अब राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे, जहां चयनित छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस का हिस्सा होने का सम्मान हासिल होगा और उन्हें भारत और विदेश के शीर्ष वैज्ञानिकों से मिलने का मौका भी मिलेगा।

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