स्टेशन पर दर्द से तड़प रही थी महिला, 'फरिश्ता' बनकर आया आर्मी डॉक्टर; चाकू-हेयर क्लिप, धोती और हिम्मत से रच दिया इतिहास!

Edited By Anil Kapoor,Updated: 06 Jul, 2025 12:41 PM

army doctor conducted delivery of a pregnant woman at jhansi railway station

Jhansi News: उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर बीते शनिवार को एक हैरान कर देने वाली और इंसानियत से भरी घटना सामने आई। जहां छुट्टी पर जा रहे एक आर्मी डॉक्टर ने स्टेशन पर ही एक गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी करवाई। उनके पास कोई खास मेडिकल उपकरण नहीं...

Jhansi News: उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन पर बीते शनिवार को एक हैरान कर देने वाली और इंसानियत से भरी घटना सामने आई। जहां छुट्टी पर जा रहे एक आर्मी डॉक्टर ने स्टेशन पर ही एक गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी करवाई। उनके पास कोई खास मेडिकल उपकरण नहीं थे, फिर भी उन्होंने अपनी सूझबूझ से मां और बच्चे दोनों की जान बचा ली।

ट्रेन पकड़ने आए थे डॉक्टर, लेकिन बन गए 'फरिश्ता'
मिली जानकारी के मुताबिक, इस घटना के नायक हैं मेजर रोहित बाचवाला, जो झांसी मिलिट्री हॉस्पिटल में तैनात हैं और फिलहाल छुट्टी पर थे। 31 वर्षीय मेजर रोहित हैदराबाद अपने परिवार से मिलने जा रहे थे। वह झांसी से बेंगलुरु होते हुए हैदराबाद की यात्रा करने वाले थे, लेकिन स्टेशन पर उन्हें एक गर्भवती महिला दर्द में तड़पती हुई दिखाई दी। डॉक्टर की नजर पड़ते ही वह बिना समय गंवाए उसकी मदद के लिए दौड़े। उनके पास ना तो अस्पताल का कोई उपकरण था और ना ही डिलीवरी के लिए जरूरी सामान। फिर भी उन्होंने जेब में रखा चाकू, हेयर क्लिप और एक धोती की मदद से डिलीवरी करवाई।

महिला TTE और रेलवे स्टाफ ने भी की मदद
हताया जा रहा है कि रेलवे की महिला कर्मचारियों ने तुरंत घेरा बनाकर महिला को प्राइवेसी दी, जिससे वह सुरक्षित और सहज महसूस कर सके। डॉक्टर को स्टेशन से दस्ताने भी दिए गए, जिससे वह कुछ हद तक सुरक्षित रहकर काम कर सकें। मेजर रोहित ने बताया कि डिलीवरी के बाद मां और बच्चा दोनों सुरक्षित थे। फिर हमने एम्बुलेंस बुलवाई और दोनों को नजदीकी अस्पताल भेजा गया।

कैसे हुआ पूरा घटनाक्रम?
गर्भवती महिला पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस (15066) में अपने पति और एक बच्चे के साथ सफर कर रही थी। वह पनवेल से बाराबंकी जा रही थी। रास्ते में महिला को तेज लेबर पेन हुआ। महिला के पति ने रेल मदद ऐप के जरिए रेलवे से सहायता मांगी। इसके बाद झांसी स्टेशन पर परिवार को ट्रेन से उतारा गया और व्हीलचेयर की मदद से मेडिकल सहायता के लिए ले जाया जा रहा था। लेकिन जैसे ही वह लिफ्ट से बाहर निकली, महिला दर्द से चीखने लगी और वहीं पर डिलीवरी की नौबत आ गई। उसी वक्त पास में मौजूद मेजर रोहित ने तुरंत पहल की और स्टेशन को ही डिलीवरी रूम बना दिया।

रेलवे का बयान
उत्तर मध्य रेलवे के झांसी डिवीजन ने इस घटना को लेकर बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि रेल मदद ऐप से जैसे ही जानकारी मिली, तुरंत झांसी कंट्रोल रूम को अलर्ट किया गया। रेलवे की मेडिकल टीम और टिकट चेकिंग स्टाफ को तुरंत एक्टिव किया गया और महिला की मदद की गई।

डॉक्टर को मिला सम्मान
डिलीवरी सफल होने के बाद रेलवे की महिला कर्मचारियों ने मेजर रोहित का धन्यवाद किया और कहा कि वह उस वक्त फरिश्ते की तरह आए। TOI ने महिला से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन परिवार ने जवाब नहीं दिया।

कौन हैं मेजर रोहित?
आपको बता दें कि मेजर रोहित बाचवाला हैदराबाद के रहने वाले हैं। उनके पिता भारतीय वायुसेना में थे। वह भारतीय सेना के मेडिकल कोर में कार्यरत हैं और फिलहाल झांसी मिलिट्री हॉस्पिटल में तैनात हैं।

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