Edited By Anil Kapoor,Updated: 12 Mar, 2025 01:46 PM

Noida News: उत्तर प्रदेश में नोएडा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां जिले के सेक्टर 30 स्थित चाइल्ड पीजीआई अस्पताल के डॉक्टरों ने बिसरख इलाके के 3 वर्षीय अरहान सैफी की आंख और पलक के बीच फंसा 2.2...
Noida News: उत्तर प्रदेश में नोएडा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां जिले के सेक्टर 30 स्थित चाइल्ड पीजीआई अस्पताल के डॉक्टरों ने बिसरख इलाके के 3 वर्षीय अरहान सैफी की आंख और पलक के बीच फंसा 2.2 सेंटीमीटर का लकड़ी का टुकड़ा निकालने में सफलता पाई। अरहान के इलाज में डॉक्टरों की टीम ने ढाई घंटे तक सर्जरी की, जिससे उसकी आंख की रोशनी सुरक्षित रही। रविवार को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया।
हादसे के बाद झोलाछाप की लापरवाही ने बढ़ाया खतरा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अरहान के पिता कारपेंटर खुर्शीद अली का आरोप है कि हादसे के बाद एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के कारण उनके बेटे की आंख की रोशनी जाने का खतरा बढ़ गया था। खुर्शीद ने बताया कि 2 महीने पहले उनका बेटा डंडी से खेलते वक्त गिर गया था और डंडी का एक टुकड़ा उसकी आंख और पलक के बीच फंस गया था। परिजन उसे कॉलोनी के एक क्लीनिक ले गए, जहां बिना सही जांच के झोलाछाप डॉक्टर ने उसकी आंख पर पट्टी बांधकर घर भेज दिया।
सर्जरी के बाद ठीक हुआ अरहान
बताया जा रहा है कि 10 दिन बाद आंख का घाव तो ठीक हो गया, लेकिन 15 दिनों तक सूजन बनी रही। अरहान को देखने में तिरछापन महसूस होने लगा, जिसके बाद उसे एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टर ने उसे तुरंत नोएडा के चाइल्ड पीजीआई भेज दिया।
डॉक्टरों ने की सर्जरी और निकाला लकड़ी का टुकड़ा
नेत्र रोग विभाग के प्रमुख, डॉ. विक्रांत शर्मा ने बताया कि अरहान की समस्या गंभीर थी और उसकी आंख की रोशनी जाने का खतरा था। एक्सरे कराने पर आंख और पलक के बीच लकड़ी का टुकड़ा फंसा हुआ मिला। अगले दिन, डॉक्टरों की टीम ने सफल सर्जरी कर उस लकड़ी के टुकड़े को निकाला। अब अरहान को देखने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है और सूजन भी पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। अरहान के पिता खुर्शीद अली ने डॉक्टरों का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब उनका बेटा पहले की तरह सामान्य हो गया है।