Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 01:15 PM
रायबरेली के NTPC प्लांट में ब्वॉयलर फटने के बाद जहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है, वहीं घायलों की हालत भी बद से बदतर होती जा रही है। एेसे में गंभीर रूप से घायल को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। इसी बीच...
रायबरेलीः रायबरेली के NTPC प्लांट में ब्वॉयलर फटने के बाद जहां मरने वालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है, वहीं घायलों की हालत भी बद से बदतर होती जा रही है। एेसे में गंभीर रूप से घायल को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है। इसी बीच रायबरेली से अधिकांश घायलों को देर रात लखनऊ शिफ्ट कर दिया गया।
3 गंभीर घायलों को भेजा गया दिल्ली एम्स
जिनमें से 3 को आज ग्रीन कॉरीडोर बनाकर एयर एम्बुलेंस से नई दिल्ली शिफ्ट किया गया। लखनऊ पुलिस ने जल्द से जल्द घायलों को एम्स दिल्ली भेजने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया। ग्रीन कॉरिडोर के जरिए सिप्स से एयरपोर्ट तक ट्रैफिक को पूरी तरह से रोका गया। अमौसी एयरपोर्ट से विशेष विमान से एनटीपीसी के 3 घायलों को इलाज के लिए दिल्ली भेजा गया।
अमौसी एयरपोर्ट तक एम्बुलेंस से किया शिफ्ट
जिसके लिए लखनऊ में ग्रीन कॉरीडोर बनाया गया। इनको सिप्स से अमौसी एयरपोर्ट तक एम्बुलेंस से शिफ्ट किया गया। नवीनतम तथा श्रेष्ठ सुविधाओं वाली एम्बुलेंस को रन-वे के नजदीक तक ले जाया गया।
सरकार के आदेश पर मुफ्त चल रहा इलाज
वहीं लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में भर्ती 25 में से 6 की मौत हो गई थी। इन मृतकों में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के लोग शामिल हैं। मृतकों के परिवार के लोगों को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2-2 लाख रुपया आर्थिक सहायता की घोषणा की है। इसके साथ ही गंभीर रूप से घायलों को 50-50 तथा सामान्य घायलों को भी 25-25 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। सभी का इलाज मुफ्त किया जा रहा है।
क्या हुआ था?
गौरतलब है कि NTPC उंचाहार की छठी इकाई में कल दोपहर में तेज धमाका हुआ था। नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) ऊंचाहार परियोजना के संयंत्र क्षेत्र में नवनिर्मित 500 मेगावाट क्षमता की छठी इकाई में बिजली उत्पादन का काम चल रहा था। ब्यॉयलर की ऐश पाइप में अचानक तेज आवाज के साथ धमाका हो गया। लगभग 90 फीट ऊंचाई पर विस्फोट हुआ और प्लांट के चारों ओर गर्म राख फैल गई। ब्वॉयलर के आसपास 2 सौ से ज्यादा एनटीपीसी के कर्मचारी, अधिकारी व निजी कंपनी के श्रमिक काम में जुटे थे।