Edited By Mamta Yadav,Updated: 24 May, 2024 05:06 PM
उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को मिल रहे आरक्षण को लेकर योगी सरकार एक्शन मोड में आ गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 प्रतिशत आरक्षण में मुसलमानों को मिल रहे लाभ की अब राज्य सरकार समीक्षा कराएगी।कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को मिल रहे आरक्षण को लेकर योगी सरकार एक्शन मोड में आ गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के 27 प्रतिशत आरक्षण में मुसलमानों को मिल रहे लाभ की अब राज्य सरकार समीक्षा कराएगी।कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस मुद्दे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का मत ही अंतिम है। हमें उनकी भावनाओं का पालन करना चाहिए।
ओबीसी आरक्षण को मुस्लिम जातियों को देना कतई बर्दाश्त नहीं: नरेंद्र कश्यप
मुख्यमंत्री द्वारा स्वागत किए जाने के बाद प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले की समीक्षा करेगी और पिछड़ों की आरक्षण को बचाने के लिए हम कोई ना कोई कदम तो उठाएंगे। कश्यप ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के 27% आरक्षण में मुसलमान को लाभ देने का प्रावधान राज्य के अल्पसंख्यक आयोग की संस्तुति पर हुआ था या प्रदेश की किसी सरकार ने इस बाबत कोई फैसला किया था? इसकी छानबीन की जा रही है। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण को मुस्लिम जातियों को देना कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनका मोर्चा पिछड़ों के हक व सम्मान की लड़ाई लड़ता रहेगा।
यूपी में 48 जातियों को मिलता है OBC आरक्षण
बता दें कि यूपी में आरक्षण पा रही ओबीसी जातियों में मुख्य रूप से मंसूरी, कुरैशी, राईनी, अंसारी, फकीर (शाह), नाई (सलमानी), दर्जी (इदरीसी), अब्बासी (भिश्ती), सैफी (लोहार), घोसी, गद्दी, माहीगीर (मछुआरा), नालबंद, सावंत, भाट, मुकेरी, मकरानी, गधेड़ी, बंजारा, जोगी आदि शामिल हैं।
गौरतलब है के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओबीसी-मुस्लिम आरक्षण को लेकर आए कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है। पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने राजनीतिक तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पर चलते हुए 2010 में 118 मुस्लिम जातियों को जबरन ओबीसी में डाल कर ये आरक्षण दिया था। इंडी गठबंधन द्वारा देश की कीमत पर राजनीति की जो ये नीति चल रही है, इस होड़ को खारिज और बेनकाब किया जाना चाहिए।