Edited By Ajay kumar,Updated: 26 Feb, 2020 03:50 PM
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने बेरोज़गारी के आंकड़ों और जनगणना के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान बुधवार को समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने बेरोज़गारी के आंकड़ों और जनगणना के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया। सपा सदस्यों के हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार चाहती है कि यदि सदन की कार्यवाही बाधित होती है तो इसका ठीकरा विपक्ष पर ही फोड़ दिया जाए लेकिन विपक्ष पूरी तरह से सतर्क है। सरकार को सदन के भीतर बेरोजगारी के आंकड़ो के बारे में जानकारी देनी पड़ेगी।
विधानसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा के सदस्यों ने नियम 56 के तहत सरकार से यह जानना चाहा कि उप्र में अभी तक जितने भी इन्वेस्टर्स शामिल हुए हैं। सपा ने कहा कि उनसे कितना निवेश हुआ है। कितने बेरोजगार लोगों को रोजगार मिला है। सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने के बाद सपा के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को देखते हुए विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की कार्यवाही को 35 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में इसे 20 मिनट के लिए और बढ़ा दिया गया।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा की सरकार पिछली सपा सरकार के समय निकली रिक्तियों को भी नहीं भर पाई है। भाजपा जाहती है कि सदन बाधित होता है तो इसका पूरा आरोप विपक्ष पर लगा दिया जाय। उन्होंने कहा कि हम हर कदम फूंक-फूंक कर रख रहे हैं। सदन में सरकार को बेरोजगारी के आकंङो पर जबाब देना होगा।
सपा नेता ने कहा कि जातिगत जनगणना की मांग को लेकर सदन से सड़क तक लडेंगे। समाजवादी पार्टी की ओर से नियम 56 के तहत विधानमंडल के कार्य स्थगन का प्रस्ताव सौंपा गया है। मीडिया से बातचीत करते हुये सपा नेता और नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा की सरकार को जातिगत जनगणना कराकर लाभार्थियों को आरक्षण का लाभ देना चाहिए। सरकार के पास बेरोजगारों के लिए कोई काम नहीं कर रही है। युवाओं को केवल गुमराह कर रही है।