यूपीः जब मास्टर जी खुद बन बैठें जज, युवकों को इस गलती पर दिया तालिबानी सजा

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 08 May, 2021 11:43 AM

when becomes judge himself taliban punishment given to youth

न्याय की परिभाषा अब बदल चुकी है। लोग पुलिस स्टेशन में अपनी फरियाद लेकर जाते हैं। वहां मामला ना सलटे तो कोर्ट-कचहरी में जाते हैं। मगर उत्तर प्रदेश स्थित देश

नोएडाः न्याय की परिभाषा अब बदल चुकी है। लोग पुलिस स्टेशन में अपनी फरियाद लेकर जाते हैं। वहां मामला ना सलटे तो कोर्ट-कचहरी में जाते हैं। मगर उत्तर प्रदेश स्थित देश के सबसे आधुनिक शहरों में से एक ग्रेटर नोएडा में तालिबानी पंचायत और उसका फैसला देखने को मिला। जहां दादरी कस्बे के नई आबादी मोहल्ले में तीन मई को तालिबानी पंचायत बुलाई गई। पंचायत के सामने दो लड़के और उनके मां-बाप पेश किए गए। इन सबको आरोपी बनाकर जमीन पर बैठाया गया। इसके बाद इनके खिलाफ पंचायत ने बाकायदा मुक़दमे की सुनवाई शुरू की।

आरोप था कि लड़कों ने पड़ोस में रहने वाली एक लड़की के फोटो लिए। उन्हें शॉप किया और फिर अपने साथियों को भेज दिया। मामला खुल गया और लड़की के परिवार तक पहुंच गया। इसके बाद यह पंचायत बुलाई गई। ख़ास बात यह कि लड़कों को इस गंभीर अपराध की कानूनन सजा दिलाने की बजाय इन लोगों ने खुद कानून को अपने हाथों में ले लिया।

तालिबानी पंचायत के सरपंच ने तो हद ही कर दी। जहां उसने बाकायदा पहले कुर्सी पर बैठकर मुकदमा सुनाया और फिर युवकों की खुद पिटाई की। इतना ही नहीं उसने पंचायत में शामिल दूसरे लोगों से भी युवकों की पिटाई करवाई। आश्चर्य है कि ये खुद एक शिक्षक हैं। दादरी कस्बे के पास सरकारी जूनियर हाईस्कूल के टीचर लईक अहमद हैं। वैसे तो इनकी जिम्मेदारी बच्चों को पढ़ाकर कानून परस्त बनाना है लेकिन मास्टरजी खुद ही कानून तोड़कर कोतवाल, जज और अदालत बन गए।

 

 

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