Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 Feb, 2024 11:56 AM
![waiting for the saint to return to samadhi body in freezer for 10 years](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_2image_11_56_451414259thumb-ll.jpg)
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जानकीपुरम सीतापुर रोड पर आनंद आश्रम है। जहां दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज को लेकर सेवादारों द्वारा दावा किया जा रहा है कि वे पिछले 10 साल से समाधि में हैं। उनके बाद 28 जनवरी को...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जानकीपुरम सीतापुर रोड पर आनंद आश्रम है। जहां दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज को लेकर सेवादारों द्वारा दावा किया जा रहा है कि वे पिछले 10 साल से समाधि में हैं। उनके बाद 28 जनवरी को गुरु मां आशुतोषांबरी ने समाधि ली थी। अब आशुतोषांबरी के शरीर को सुरक्षित रखने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली है। उनका कहना है कि गुरु मां ने आशुतोष महाराज को समाधि से वापस लाने के लिए खुद समाधि ली है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सेवादारों ने बताया कि दिव्य ज्योति जागृत संस्थान वालों ने आशुतोष महाराज के शरीर को डीप फ्रीजर में कैद करके रखा है, ताकि वे समाधि से कभी वापस ही ना आ सकें। जिसके चलते आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्या आशुतोषांबरी को आंतरिक संदेश भेजा और कहा कि वह उन्हें समाधि से वापस ले आएं, क्योंकि इन लोगों ने डीप फ्रीजर में कैद करके रखा हुआ है, इसीलिए मैं वापस नहीं आ पा रहा हूं।
डॉक्टर स्वामी हरिदास आनंद का कहना है कि वे पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं। उनकी दोनों बहनें और माता-पिता भी सेवा कार्य में हैं। उन्होंने इंग्लैंड से पीएचडी की है। वह खुद को इंग्लैंड का निवासी बताते हैं। उन्होंने बताया कि वह एक साल पहले आशुतोष महाराज की शिष्या आशुतोषांबरी के दर्शन के लिए लखनऊ आए थे। दर्शन के बाद वह इंग्लैंड गए, उसके बाद फिर आ गए। यहां आकर वह आशुतोषांबरी की सेवा और आश्रम कार्य में जुट गए।
गुरु मां आशुतोषांबरी ने 28 जनवरी को ली थी समाधि
यहां शिष्य ब्रह्मर्षि जमदग्नि का कहना है कि उनकी गुरु मां आशुतोषांबरी ने सभी शिष्यों को बताकर बीती 28 जनवरी को सभी के सामने समाधि ली, ताकि वे गुरु आशुतोष महाराज को समाधि से जगाकर वापस भौतिक शरीर में वापस लाकर उनकी चेतना जागृत करा सकें। आशुतोष महाराज पिछले 10 वर्षों से समाधि में हैं।शिष्य जमदग्नि ने बताया कि गुरु मां आशुतोषांबरी को ध्यान अवस्था में आशुतोष महाराज का संदेश मिला था, जिसमें उन्होंने उनसे कहा था कि उनकी शिष्या आशुतोषांबरी उन्हें समाधि में आकर जगाएं, ताकि वे वापस भौतिक शरीर में आ सकें।