वाराणसीः माफिया से माननीय बने पूर्व MLC बृजेश सिंह केंद्रीय कारागार से रिहा, बोलने से किया इनकार

Edited By Ajay kumar,Updated: 04 Aug, 2022 08:51 PM

varanasi former mlc brijesh singh released from central jail

माफिया से माननीय बन चुके पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह आज वाराणसी के केंद्रीय कारागार से रिहा हो गए। जेल से बाहर निकलते वक्त बृजेश सिंह ने चुप्पी साध रखी थी उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और सीधे चले गए।

वाराणसीः माफिया से माननीय बन चुके पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह आज वाराणसी के केंद्रीय कारागार से रिहा हो गए। जेल से बाहर निकलते वक्त बृजेश सिंह ने चुप्पी साध रखी थी उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और सीधे चले गए। बता दें कि गाजीपुर के एक मामले में बुधवार को हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी। गौरतलब है कि बृजेश सिंह समेत उनके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने मऊ के तात्कालिक विधायक मुख्तार अंसारी के ऊपर उषा चट्टी में हमला किया था। इस हमले में 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
 

हाई कोर्ट से मिली बृजेश को राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को बाहुबली मुख्तार अंसारी पर हुए जानलेवा हमले और हत्या षड्यंत्र के आरोपित माफिया बृजेश सिंह उर्फ अरूण कुमार सिंह की जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने दिया है। इइ हमले में मुख्तार अंसारी के गनर की मौत हो गई थी और कई लोग जख्मी भी हुए थे। माफिया बृजेश सिंह वर्ष 2009 से जेल में बंद है। बृजेश सिंह और अन्य लोगों के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में जानलेवा हमला व हत्या सहित आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जमानत के समर्थन में याची की ओर से कहा गया कि वह इस मामले में 2009 से जेल में बंद है। इससे पूर्व उसकी पहली जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने विचारण न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि मुकदमे का विचारण में एक वर्ष के अंदर सभी गवाहों की गवाही कराकर ट्रायल पूरा किया जाए। इसकी अवधि बीतने के बाद भी सिर्फ एक ही गवाह का बयान दर्ज कराया जा सका है। यह भी कहा गया कि याची के खिलाफ अभी भी 41 आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें से 15 मुकदमों में वह बरी या डिस्चार्ज हो चुका है। तीन मुकदमों में विचारण चल रहा है, जिनमें से दो मुकदमों में वह जमानत पर है। सिर्फ इस एक मामले में उसे जमानत नहीं मिली है। मुकदमे का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है।

मुख्तार अंसारी की ओर से अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का किया विरोध
राज्य सरकार और मुख्तार अंसारी की ओर से अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने जमानत अर्जी का विरोध किया गया। कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मुकदमे हैं। उसे जेल से रिहा करना उचित नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौदान सिंह केस के निर्देश, तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर बृजेश सिंह को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

 


 

 

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