Edited By Ramkesh,Updated: 16 Sep, 2024 12:34 PM
उत्तर प्रदेश मौसम विभाग ने राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश में अगले सात दिनों तक मौसम में बदलाव की संभावना जताई है। आज लखनऊ में कहीं-कहीं पर हल्की बरसात होने की भी संभावना है। 21 सितंबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में राज्य के कई जिलों में गरज-चमक के साथ...
लखनऊ, (अश्वनी कुमार सिंह): उत्तर प्रदेश मौसम विभाग ने राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश में अगले सात दिनों तक मौसम में बदलाव की संभावना जताई है। आज लखनऊ में कहीं-कहीं पर हल्की बरसात होने की भी संभावना है। 21 सितंबर तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में राज्य के कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश सकती हो सकती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश के साथ वज्रपात होने की संभावना जताई गई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ हिस्सों में बरसात के साथ ही 30 से 50 किलोमीटर की गति से तेज हवा चलने की भी आशंका जताई गई है।
गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ा
वहीं संगम नगरी प्रयागराज में पिछले तीन दिनों से गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाके में घरों में पानी भर गया है जिससे प्रशासन को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ा है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) विनय कुमार सिंह के मुताबिक, रविवार शाम तक गंगा नदी के किनारे बसे फाफामऊ और छतनाग में जलस्तर 83.92 सेंटीमीटर पर पहुंच गया जो खतरे के निशान 84.73 सेंटीमीटर के नजदीक है।
बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए लगाई गई 27 नाव
उन्होंने बताया कि इस तरह यमुना के किनारे बसे नैनी में जलस्तर 83.78 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है। सिंह ने बताया कि जिले में कुल 27 नाव लगाई गई हैं जिनमें फूलपुर तहसील के बदरा सोनौटी गांव में छह नाव, करछना के भगेसर देहली गांव में एक नाव और नगर के दारागंज में तीन, बघाड़ा में 10 और राजापुर में सात नाव शामिल हैं।
1130 लोग सात शरणार्थी शिविरों में ठहरे
उन्होंने बताया कि सदर तहसील में 15 मोहल्लों के 1130 लोग सात शरणार्थी शिविरों में ठहरे हुए हैं। उनके अनुसार जिले में बाढ़ से अब तक 5,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जिनके लिए बाढ़ आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। सिंह ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ ही जल पुलिस की टीम लगाई गई हैं।