Edited By Ajay kumar,Updated: 10 Apr, 2020 12:37 PM
कोरोना वायरस के मद्देनजर देश व प्रदेश में लॉकडाउन जारी है। ऐसे में जरूरी सामान राशन, और सब्जी की दुकानों को समय तथा नियम से खोलने का परमिशन दिया गया है। इस कड़ी में शराब की दुकानों पर भी ताला लग...
लखनऊ: कोरोना वायरस के मद्देनजर देश व प्रदेश में लॉकडाउन जारी है। ऐसे में जरूरी सामान राशन, और सब्जी की दुकानों को समय तथा नियम से खोलने का परमिशन दिया गया है। इस कड़ी में शराब की दुकानों पर भी ताला लग गया है। जिसको लेकर कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेजेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने योगी सरकार को पत्र लिखकर दुकान खोलने का आग्रह किया है। माना जा रहा है कि सरकार ने यदि आग्रह को स्वीकार किया तो कुछ शर्तों के साथ यह दुकानें लॉकडाउन में भी खुल सकती हैं।
बता दें कि सीआईएबीसी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लिखे गए पत्र के माध्यम से राज्य में अवैध शराब की बढ़ती बिक्री से भी अवगत कराया है। इसमें कहा गया है कि ऐसी स्थिति में जब कोरोनोवायरस के निपटने के लिए राज्य को अधिक धन की आवश्यकता है, शराब की दुकाने बंद होने से राजस्व की बड़ी हानि हो रही है। संगठन ने आबकारी वर्ष के विस्तार की भी मांग की है क्योंकि शराब का पिछला स्टॉक क्लियर नहीं हो पाया है। इसी के साथ ही नया लाइसेंस और पंजीकरण होनी भी अभी बाकी है।
संगठन ने सरकार से किया अनुरोध
कुछ राज्य सरकारों ने सक्रिय रूप से कदम उठाए हैं और मादक पेय पदार्थों की दुकानों को बंद करने के आदेशों में कुछ छूट दी है। कुछ ने होम डिलीवरी की भी अनुमति दी है। संगठन ने सरकार से अनुरोध किया है कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान खुदरा दुकानों से शराब की बिक्री की अनुमति दें। इनमें दुकानों को खोलने की टाइमिंग को कम करने जैसी शर्तों को लागू किया जा सकता है।
मौजूदा लाइसेंस को बिना किसी शुल्क के जारी रखने की अनुमति
सीआईएबीसी के जेनेरल डायरेक्टर विनोद गिरी ने बताया कि आबकारी वर्ष के लॉकडाउन के कारण समय से पहले ही खत्म होने के कारण उद्योग जगत में तहलका मच गया है। इस कारण हमारे सदस्यों को स्टॉक क्लीयर करने और लाइसेंस व पंजीकरण को नवीनीकृत करने में दिक्कत हुई है। उन्होंने अनुरोध किया कि मौजूदा उत्पाद शुल्क वर्ष को बढ़ाकर 30 अप्रैल या लॉकडाउन को हटाए जाने के एक महीने तक कर दिया जाए व मौजूदा लाइसेंस को बिना किसी शुल्क के जारी रखने की अनुमति दी जाए।