Edited By Purnima Singh,Updated: 24 Jul, 2025 01:08 PM

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रशिक्षु महिला आरक्षियों द्वारा बैरकों की कथित रूप से खराब स्थिति और निजता संबंधी चिंताओं को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद ‘प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी' (पीएससी) की 26वीं बटालियन के कमांडेंट सहित दो वरिष्ठ...
गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रशिक्षु महिला आरक्षियों द्वारा बैरकों की कथित रूप से खराब स्थिति और निजता संबंधी चिंताओं को लेकर किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद ‘प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी' (पीएससी) की 26वीं बटालियन के कमांडेंट सहित दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बुधवार को बड़ी संख्या में महिला पुलिस आरक्षियों ने ‘प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी' (पीएससी) की 26वीं बटालियन के परिसर में अपने प्रशिक्षण केंद्र में रहन-सहन की खराब स्थिति और कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
प्रशिक्षु महिला आरक्षियों का वीडियो वायरल
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में प्रशिक्षु आरक्षी कथित तौर पर कह रही हैं कि समुचित सुविधाओं के अभाव में उन्हें खुले में नहाने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है। यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के निर्देश पर महिला प्रशिक्षुओं की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने में लापरवाही बरतने पर पलटन कमांडर राजीव कृष्ण और भर्ती प्रशिक्षण केंद्र के प्रभारी संजय राय को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
‘कर्तव्य में लापरवाही' के आरोप में हुआ निलंबन
इसके अलावा, प्रारंभिक निष्कर्षों और जांच के आधार पर पुलिस महानिदेशक ने उत्तर प्रदेश सरकार से पीएसी की 26वीं बटालियन के कमांडेंट आनंद कुमार को ‘‘कर्तव्य में लापरवाही'' के आरोप में निलंबित करने की सिफारिश की है। सरकार ने अनुशंसा के आधार पर कार्रवाई करते हुए बुधवार को कमांडेंट कुमार को निलंबित कर दिया। अपर पुलिस अधीक्षक निहारिका शर्मा को 26वीं बटालियन पीएसी, गोरखपुर के कमांडेंट का कार्यभार सौंपा गया है।
इससे पहले, विरोध प्रदर्शन के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रशिक्षु आरक्षियों को आश्वासन दिया था कि अतिरिक्त शौचालयों सहित बुनियादी ढांचे का उन्नयन कार्य किया जा रहा है और शुरुआती व्यवधान तकनीकी समस्याओं के कारण थे। पीएसी मध्य क्षेत्र के महानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह ने शौचालयों में कैमरे होने के दावों का खंडन किया और एक शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक को अनुचित भाषा का प्रयोग करने के लिए निलंबित किए जाने की पुष्टि की।