Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 12 Dec, 2018 11:48 AM
एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान की योजना पर करोड़ों रुपए खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। ताजा मामला कुशीनगर का है। यहां स्कूल में बच्चों के...
कुशीनगरः एक तरफ सरकार सर्व शिक्षा अभियान की योजना पर करोड़ों रुपए खर्च कर बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी लेने वाले इसकी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। ताजा मामला कुशीनगर का है। यहां स्कूल में बच्चों के हाथ में किताबों की जगह शिक्षकों ने झाड़ू थमा दी।
मामला कुशीनगर के प्राथमिक विद्यालय खैरटिया नौतन हर्दो का है। यहां पर स्थित स्कूल का हाल बेहाल है। शिक्षक समय से विद्यालय में नहीं पहुंचते हैं। देरी से पहुंचकर वह बच्चों को पढ़ाने की बजाए उनसे झाड़ू लगवाते हैं। इस विद्यालय में 3 शिक्षक तैनात हैं और 117 बच्चे नामांकित हैं, लेकिन शिक्षकों के इसी व्यवहार के कारण मात्र 70 से 80 बच्चे ही स्कूल आते हैं।
विद्यालय की बदहाली की बात यही पर खत्म नहीं होती है, यहां विद्यालय के प्राध्यानाध्यापक बिना पत्र व्यवहार पर जानकारी दिए गैरहाजिर मिले। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि मासूम बच्चों का भविष्य किस तरह उज्जवल हो रहा है।
वहीं इस मामले में प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने वहीं पुराना रटा-रटाया जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि मामला काफी गंभीर है। मौके पर एनपीआरसी को भेज कर जांच कराई जाएगी। जो दोषी होगा उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।