'कालाबाजारी से गहराया खाद संकट ले रहा है किसानों की जान, सरकार को कोई मतलब नहीं'

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 29 Oct, 2021 01:24 PM

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा सरकार की उदासीनता और गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते खाद की कालाबाजारी चरम पर है और इससे उपजा संकट कर्ज में डूबे किसानों की जान ले रहा है। खाद के कारण जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों से...

ललितपुर: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि भाजपा सरकार की उदासीनता और गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते खाद की कालाबाजारी चरम पर है और इससे उपजा संकट कर्ज में डूबे किसानों की जान ले रहा है। खाद के कारण जान गंवाने वाले किसानों के परिजनों से मिलने ललितपुर पहुंची प्रियंका ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सरकार को किसानों की पीड़ा से कोई मतलब नहीं है।

लखीमपुर से ललितपुर तक किसान परेशान है। सरकार की नीतियों के चलते किसान कर्ज में डूबा हुआ है। खाद के लिए लाइन में खड़े किसान जान गंवा रहे है। खाद की कालाबाजारी चरम पर है। एक एक बोरी के लिये किसानो को दो दो दिनो तक लाइन में खड़ा होना पड़ रहा है। एक बोरी दो हजार रूपए की मिल रही है जिसमें 50 किलो की जगह सिफर् 45 किलो खाद दी जा रही है। यह कालाबाजारी नहीं तो और क्या है। खाद की कालाबाजारी में अधिकारियों और नेताओं की भूमिका की जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सिर्फ ललितपुर में अब तक दो किसानो की लाइन में लगे लगे मौत हो चुकी है। वहीं कर्ज के मकड़जाल में फंसे दो किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसानो का दर्द है कि अबकी बरसात ठीक हुयी थी मगर खाद की कमी उनकी फसल चौपट कर रही है। अब सूदखोरों का पैसा कहां से चुकायेंगे। प्रियंका ने कहा कि बुंदेलखंड में अन्ना पशुओं की समस्या विकराल है। किसानों को अपनी फसल बचाने के लिये रतजगा करना पड़ता है। देश के किसान महीनों से सड़क पर है मगर उनकी आवाज को या तो दबाया जाता है और या फिर टायरों से कुचला जाता है।

उन्होंने कहा कि लखीमपुर में मंत्री के बेटे ने किसानों की टायर से कुचल कर हत्या कर दी मगर भाजपा सरकार ने अपने मंत्री को नहीं हटाया। मंत्री के रहते क्या मामले की निष्पक्ष जांच हो सकेगा और क्या मृतक किसान के परिजनों को न्याय मिल पायेगा। कांग्रेस किसानो के हक की लड़ाई जारी रखेगी। उनकी सरकार सत्ता में आती है तो काले कानूनों की वापसी के अलावा किसानो का पूरा कर्जा माफ किया जायेगा और उनकी उपज का उचित मूल्य दिया जायेगा।

इससे पहले उन्होने पीड़ित किसान परिवारों से मिलकर उनकी पीड़ा साझा की और सभी किसान परिवारों का कर्ज चुकाने का वादा किया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि किसान भोगी पाल और महेश कुमार बुनकर की खाद की लाइन में लगे थे। कई दिनों तक लाइन में लगे रहने के कारण उनकी हालत खराब हो गई और उनकी मृत्यु हो गई। किसान सोनी अहिरवार और बब्लू पाल खाद न मिलने के कारण परेशान थ। उन्होने आत्महत्या कर ली। वाड्रा गुरूवार रात लखनऊ से ट्रेन के जरिए चल कर आज सुबह ललितपुर पहुंची थी जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। 

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