Edited By Purnima Singh,Updated: 25 Dec, 2025 01:05 PM

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बांग्लादेश में भारत विरोधी घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से प्रभावी कदम उठाने की मांग की है ....
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बांग्लादेश में भारत विरोधी घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार से प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। बसपा प्रमुख ने अपने आधिकारिक “एक्स” हैंडल से एक लंबे पोस्ट में कहा “हाल के दिनों में बांग्लादेश में जिस प्रकार से भारत व हिन्दू विरोधी घटनायें घटित हो रही हैं, उसको लेकर केन्द्र सरकार को लोगों की अपेक्षा के अनुसार और भी अधिक सक्रियता एवं प्रभावी क़दम उठाने की ज़रूरत लग रही है।”
'बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के जान-माल...'
पोस्ट में उन्होंने कहा “पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों के जान, माल व मज़हब को जिस प्रकार से साम्प्रदायिक हिंसा का शिकार बनाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, उससे अपने देश में ही नहीं बल्कि अन्यत्र भी चिन्ता की लहर है।” उन्होंने कहा “हाल ही में वहाँ एक दलित युवक की जिस प्रकार से नृशंस हत्या की गयी है, उसको लेकर भारत भर में लोगों का आक्रोश स्वाभाविक है।
'अपने देश में दलितों व आदिवासियों पर जुल्म-ज़्यादती......'
भारत सरकार से तुरन्त इसका समुचित संज्ञान लेकर आगे हर स्तर पर कुछ और भी अधिक सक्रिय भूमिका निभाने की देश को आशा है और यही समय की मांग भी लगती है।” मायावती ने कहा “वैसे तो अपने देश में भी ख़ासकर दलितों व आदिवासियों आदि पर जातिवादी द्वेष, जुल्म-ज़्यादती, शोषण व तिरस्कार आदि रुका नहीं है तथा उनकी सुरक्षा को लेकर बने क़ानूनों को एक प्रकार से निष्क्रिय ही बना दिया गया है, किन्तु पड़ोसी देश बांग्लादेश में इसी प्रकार की होने वाली जुल्म-ज्यादती भी अति-दुखद व चिन्ता की बात है।”
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति को लेकर ख़ासकर देश में लोगों की चिन्तायें लगातार बनी रहती हैं और इस मामले में सरकार अपनी भूमिका भी निभाने का प्रयास करती रहती है। उन्होंने कहा ‘‘किन्तु हाल के दिनों में बांग्लादेश में जिस प्रकार से भारत व हिन्दू विरोधी घटनायें घटित हो रही हैं उसको लेकर केन्द्र सरकार को लोगों की अपेक्षा के अनुसार और भी अधिक सक्रियता एवं प्रभावी क़दम उठाने की ज़रूरत लग रही है।''