सांसदों, विधायकों .... की औलादों को आरक्षण के दायरे से बाहर किया जाए- राजा भैया

Edited By Ramkesh,Updated: 04 Oct, 2025 01:09 PM

the children of mps and mlas should be excluded from the scope

भारतीय राजनीति में आरक्षण एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है इस मुद्दे को हर राजनीतिक पार्टियां चुनाव में भुनाने की कोशिश करती है। लेकिन इस पर खुलकर बात नहीं करती है। न आरक्षण के पक्ष में न आरक्षण के विरोध में, ज्यादातर पार्टियां संविधान के अनुसार आरक्षण...

लखनऊ: भारतीय राजनीति में आरक्षण एक बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है इस मुद्दे को हर राजनीतिक पार्टियां चुनाव में भुनाने की कोशिश करती है। लेकिन इस पर खुलकर बात नहीं करती है। न आरक्षण के पक्ष में न आरक्षण के विरोध में, ज्यादातर पार्टियां संविधान के अनुसार आरक्षण लागू करने की बात कह कर इसे टालने का प्रयास करती है। लेकिन आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंडा से विधायक राजा भैया ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि  सांसदों, विधायकों और अफसरों की औलादों को आरक्षण के दायरे से बाहर किया जाना चाहिए। आरक्षण की मूल अवधारणा यह है कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की जिंदगी बदले। एक बार जब कोई सांसद, विधायक या आईएएस/अफसर बन जाता है, तो उसके बच्चों की जिंदगी अपने आप सुधर जाती है। लेकिन आरक्षण उन परिवारों को और ताकतवर बना रहा है जो पहले ही सत्ता और सुविधा का स्वाद चख चुके हैं। लोगों का कहना है कि इस बयान पर वास्तव में सरकार को सोचना चाहिए जिससे समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को आरक्षण का लाभ मिल सके और उसका जीवन बेहतर हो सके।

गौरतलब है कि भारत में आरक्षण मुख्य रूप से सामाजिक, शैक्षिक और ऐतिहासिक पिछड़ेपन के आधार पर दिया जाता है, जिसमें अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) शामिल हैं। 2019 के 103वें संविधान संशोधन के बाद से, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को भी उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर आरक्षण का लाभ दिया जाता है। 

Related Story

Trending Topics

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!