'कीमत करोड़ों में और मात्र 250 रुपए था किराया...' 31 साल बाद सपा को झटका! सरकारी कोठी खाली करने का आदेश जारी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 Aug, 2025 11:15 AM

the bungalow which was in the possession of sp for 31 years will be vacated

Moradabad News: जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी (सपा) को एक बड़ा झटका देते हुए मुरादाबाद की वह सरकारी कोठी खाली करने का आदेश दिया है, जो पिछले 31 सालों से पार्टी के कब्जे में थी। यह कोठी पहले सपा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को...

Moradabad News: जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी (सपा) को एक बड़ा झटका देते हुए मुरादाबाद की वह सरकारी कोठी खाली करने का आदेश दिया है, जो पिछले 31 सालों से पार्टी के कब्जे में थी। यह कोठी पहले सपा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को दी गई थी और अब तक सपा इसका इस्तेमाल कर रही थी।

1994 में मिली थी कोठी, अब आदेश हुआ रद्द
मिली जानकारी के मुताबिक, यह कोठी 13 जुलाई 1994 को उस समय के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को आवंटित की गई थी। यह भवन थाना सिविल लाइन के पास, मुरादाबाद के पॉश इलाके में स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 1000 वर्ग मीटर है। हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े सरकारी भवन का मासिक किराया सिर्फ ₹250 तय किया गया था।

अब जिला सपा कार्यालय के रूप में हो रहा था उपयोग
मुलायम सिंह यादव को मिली यह कोठी अब तक समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय के रूप में इस्तेमाल हो रही थी। लेकिन अब मुरादाबाद के जिलाधिकारी अनुज सिंह ने इसका आवंटन रद्द करने का आदेश दे दिया है।

आवंटन क्यों रद्द हुआ?
प्रशासन के अनुसार, मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा की ओर से कोठी के नामांतरण की कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं की गई। साथ ही, शासकीय जरूरतों और सरकारी योजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्रशासन ने कहा है कि अब इस जमीन का उपयोग जनहित की योजनाओं में किया जाएगा।

एक महीने में खाली करने के निर्देश
जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी को एक महीने के भीतर कोठी खाली करने का आदेश दिया है। एडीएम (अपर जिलाधिकारी) की ओर से सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को नोटिस भेजा गया है। भवन को प्रशासन के नियंत्रण में लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

सपा का पक्ष: अब तक कोई पत्र नहीं मिला
इस मुद्दे पर जब पत्रकारों ने सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। हालांकि, प्रशासन ने फाइल प्रक्रिया पूरी कर ली है और जल्दी ही कार्रवाई की जा सकती है।

करोड़ों की कोठी, मात्र ₹250 किराया
जानकारों के मुताबिक, इस कोठी की मौजूदा बाजार कीमत कई करोड़ रुपये है, जबकि आज भी इसका किराया केवल ₹250 प्रति महीना ही था। अब इसे सरकारी संपत्ति के रूप में दोबारा इस्तेमाल किया जाएगा।

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