Edited By Ajay kumar,Updated: 27 Jun, 2024 11:51 AM
आगरा में 2 भाइयों के आत्महत्या करने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। आरोपी दरोगा को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं सादाबाद के निलंबित एसएचओ मौके से फरार हैं।
लखनऊ: आगरा में 2 भाइयों के आत्महत्या करने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। आरोपी दरोगा को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं सादाबाद के निलंबित एसएचओ मौके से फरार हैं। पुलिस निलंबित एसएचओ की तलाश में दबिश दे रही है। बता दें कि बरहन थाना क्षेत्र के रूपधनू गांव निवासी होमगार्ड प्रमोद सिंह और उनके सगे भाई संजय सिंह ने हाथरस के सादाबाद थाने की पुलिस उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी। यह मामला इतना बढ़ गया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया। इसके बाद आरोपी दरोगा को देर रात गिरफ्तार किया गया जबकि सादाबाद थाने के एसएचओ मुकेश कुमार को भी निलंबित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया। दरोगा हरिओम अग्निहोत्री को बुधवार को कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया गया।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि आगरा के थाना बरहन क्षेत्र एक गांव के ही रहने वाले संजय और उसके बड़े भाई प्रमोद ने पेड़ पर लटक कर आत्महत्या कर ली थी। दोनों सुसाइड नोट छोड़ कर गए, जिसमें उन्होंने थाना सादाबाद में तैनात दरोगा हरिओम अग्निहोत्री और थाना प्रभारी के द्वारा प्रताड़ित करने, धन वसूली करने के गंभीर आरोप लगाए थे। मामले में आगरा पुलिस ने सादाबाद के थाना प्रभारी और दरोगा हरिओम अग्निहोत्री के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। घटना से आक्रोशित लोगों ने थाने का घेराव किया और जमकर प्रदर्शन किया।
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने तहसीलदार को लगाई लताड़
पुलिस उत्पीड़न के कारण दो भाइयों द्वारा 72 घंटे के अंदर आत्महत्या के मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल एक्शन मोड में आ गए हैं। संसद का सत्र छोड़कर उन्होंने घटनास्थल पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। पुलिस को तत्काल प्रभाव से आरोपी दारोगा को जेल भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही तहसीलदार और एसडीएम को आड़े हाथ लिया। केंद्रीय मंत्री प्रो.बघेल के सामने गांव की पब्लिक ने तहसीलदार एत्मादपुर मांधाता प्रताप सिंह को नशे में होने का आरोप लगाया। इसके बाद प्रोफेसर बघेल की त्यौरियां चढ़ गईं और उन्होंने जमकर फटकार लगाई। पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर 5-5 लाख रुपए के चेक दिए। मृतक होमगार्ड प्रमोद के पुत्र को 20 दिन बाद बालिग होने पर सरकारी नौकरी देने के निर्देश दिए। पीड़ित परिवार के नाम सरकार की ओर से जमीन का पट्टा देने के निर्देश दिए।