Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 20 Sep, 2020 11:22 AM
योगी सरकार (Yogi Sarkar) द्वारा जारी 3 साल के कार्यकाल में दिए गए रोजगार (Employment) के आंकड़ों पर यूपी (UP) की सियासत (Politics) गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने आंकड़ों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि झूठे आंकड़े जारी कर आंखों में...
लखनऊः योगी सरकार (Yogi Sarkar) द्वारा जारी 3 साल के कार्यकाल में दिए गए रोजगार (Employment) के आंकड़ों पर यूपी (UP) की सियासत (Politics) गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने आंकड़ों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि झूठे आंकड़े जारी कर आंखों में धुल झोखने का काम किया जा रहा है। सपा ने आरोप लगाया कि अखिलेश सरकार (Akhilesh Sarkar) में हुई भर्तियों का भी क्रेडिट(Credit) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) लेना चाह रहे हैं।
सपा प्रवक्ता व एमएलसी सुनील सिंह साजन (MLC Sunil Singh Sajan) ने कहा कि सरकार ने कल रोजगार पर साढ़े तीन सालों का ब्यौरा जारी किया है। रोजगार के झूठे आंकड़े जारी कर आखिर सरकार किसकी आंखों में धूल झोंकना चाहती है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तहत भरे गए 90 फ़ीसदी पद संविदा या आउटसोर्सिंग के है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 100 फ़ीसदी भर्तियां संविदा की होती है। सरकार आउटसोर्सिंग और ठेके पर दी जाने वाली नौकरी को उपलब्धि क्यों मानती है।
उन्होंने कहा कि सरकार आउटसोर्सिंग, ठेके पर की गई भर्तियों, संविदा भर्ती और स्थायी नौकरियों का ब्यौरा क्यों नहीं देती है? अधिनस्थ चयन सेवा आयोग और लोक सेवा आयोग में जो भर्तियां अखिलेश यादव के समय में निकली थी उसका रिजल्ट 2017 में आया। उसको भी सरकार ने अपनी उपलब्धियों में जोड़ लिया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार अखिलेश के ज़माने में की गई भर्तियों को अपना क्यों बता रही है? सपा सरकार के कामकाज का फीता काटने के बाद अब बीजेपी सरकार रोजगार को भी अपने हिस्से में गिना रही है।