बागपतः पेट्रोलियम पदार्थो को लेकर भारत को दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि लोगों को तेल लेने के लिए मशक्कत नहीं करने पड़ेगी। दरअसल, राजधानी दिल्ली से सटे बागपत में सेटेलाइट के माध्यम से संकेत मिले हैं कि बागपत में पेट्रोलियम पदार्थो का बड़ा भंडार छिपा हो सकता है। इसी संभावना के तहत ओएनजीसी ने बागपत के किरठल गांव में खुदाई भी शुरू की की गई है।

इन्हीं संभावनाओं के बीच ओएनजीसी की टीम ने बागपत में डेरा डाल दिया है। किरठल गांव में खुदाई भी शुरू कर दी गई है। यदि ये संभावनाए सही निकली तो बागपत का किरठल गांव पूरी दुनिया में छा सकता है। सेटेलाइट के माध्यम से जांच की गई तो पता चला कि किरठल गांव के रहने वाले बाबूराम के खेत में तेल ही तेल है। यहां 2000 से 2500 फिट की गहराई तक खुदाई की जा सकती है।

ओएनजीसी के इंजीनियर्स और एक्सपर्ट की टीम यहां की जांच करके जा चुकी है। अब कर्मचारियों को खुदाई के लिए लगाया गया है। अभी तक करीब 100 फिट खुदाई की जा चुकी है और हो सकता है कि ये खुदाई 2 हजार फिट से भी ज्यादा करनी पड़े। किरठल गांव के करीब 3 किलोमीटर के एरिए में ये खुदाई की जाएगी। धीरे-धीरे यह कार्य छपरौली के राठौड़ा गांव के जंगल तक किया जा सकता है, क्योंकि राठौड़ा और किरठल गांव के खेत आपस मे मिले हुए हैं। यदि यहां तेल का भंडार मिल गया तो हो सकता है बागपत की किस्मत ही बदल जाएगी।
हर रोज जितनी खुदाई की जा रही है। उसकी रिपोर्ट दिल्ली और कोलकाता भेजी जा रही है। धीरे-धीरे खुदाई के काम में भी तेजी आएगी, लेकिन इतना जरूर है कि बागपत में तेल भण्डार मिलने के संकेत ने बागपत के लोगों की उम्मीदों को नए सपने दिखा दिए हैं।
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