Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 06 Nov, 2020 06:39 PM
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्र को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा कि दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग नहीं हो। इससे पहले, न्यायालय को सूचित किया गया कि वायु
नयी दिल्ली/ लखनऊः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्र को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा कि दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग नहीं हो। इससे पहले, न्यायालय को सूचित किया गया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आज से काम शुरू कर देगा। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने इसके साथ ही वायु प्रदूषण से संबंधित याचिकाओं को अब दिवाली अवकाश के बाद के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
बता दें कि केन्द्र ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव एम एम कुट्टी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग शुक्रवार से काम शुरू कर देगा और सरकार ने आयोग के सदस्यों की भी नियुक्ति कर दी है। मेहता ने 29 अक्टूबर को न्यायालय को सूचित किया था कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिये सरकार एक अध्यादेश लायी है और उसे लागू कर दिया गया है।
हालांकि पीठ ने इस पर मेहता से कहा था कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की वजह से हो रहे वायु प्रदूषण के मामले में कोई निर्देश देने से पहले वह अध्यादेश देखना चाहेगी। इससे पहले, न्यायालय ने 26 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारक पराली जलाये जाने की रोकथाम के लिये पड़ोसी राज्यों द्वारा उठाए गए कदमों की निगरानी के वास्ते शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति नियुक्त करने का अपना 16 अक्टूबर का आदेश सोमवार को निलंबित कर दिया था। इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह का कहना था कि वायु की गुणवत्ता बदतर होती जा रही है और ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) लोकूर समिति को नियुक्त करने संबंधी आदेश पर अमल होने देना चाहिए।