Edited By Pooja Gill,Updated: 28 Jul, 2024 12:37 PM

Santosh Gangwar: उत्तर प्रदेश के बरेली में आठ बार सांसद रहे संतोष गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल बनाए गए है। अब झारखंड का राजभवन उनका नया ठिकाना होगा। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया...
Santosh Gangwar: उत्तर प्रदेश के बरेली में आठ बार सांसद रहे संतोष गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल बनाए गए है। अब झारखंड का राजभवन उनका नया ठिकाना होगा। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राधाकृष्णन के स्थान पर संतोष कुमार गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राज्यपाल नियुक्त कर अहम जिम्मेदारी सौंपी है।
जानिए संतोष गंगवार के बारे में
बता दें कि संतोष गंगवार को बरेली में विकास पुरुष कहते हैं। वे बीजेपी से बरेली में 8 बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने अपना पहला चुनाव साल 1981 में बरेली लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर लड़ा, जिसमे उनकी हार हुई। जिसके बाद 1984 के आम चुनावों में भी उनको हार का सामना करना पड़ा। मगर उसके बाद उन्होंने जो रफ़्तार पकड़ी उससे कोई नहीं पकड़ पाया। वह उत्तर प्रदेश के बरेली से 1989 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। हालांकि 2009 के चुनाव में उन्हे कांग्रेस के प्रवीण सिंह आरोन ने 9 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया था। मगर 2014 के चुनाव में उन्होंने एक बार फिर जबरदस्त वापसी करते हुए जीत हासिल की। 2019 में भी वे जीत गए। वह बरेली शहर से राज्यपाल नियुक्त होने वाले पहले राजनेता है।
इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए संतोष गंगवार
संतोष गंगवार का जन्म उत्तर प्रदेश के बरेली में 1 नवम्बर 1948 को हुआ था। उनकी उच्च शिक्षा आगरा विश्वविद्यालय और रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय से उन्होंने अपनी बीएससी और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। इस दौरान वह छात्र राजनीति से जुड़े रहे, इंदिरा गांधी की ओर से लगाई गई इमरजेंसी के दौरान तो उनको जेल तक जाना पड़ा था।
संतोष गंगवार ने जताया आभार
राष्ट्रपति ने उन्हें राज्यपाल बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। राष्ट्रपति भवन से विज्ञप्ति जारी होने के बाद जब रात करीब 12 बजे संतोष गंगवार को राज्यपाल बनाए जाने की खबर सार्वजनिक हुई तब वह अपने घर में रात्रि विश्राम करने चले गए थे। लोगों ने उनके घर पर व शुभचिंतकों को फोन किया तो बताया गया कि वह सो गए हैं, लेकिन बधाइयों का सिलसिला तेज हुआ तो रात डेढ़ बजे के बाद वह जाग गए। लोगों की बधाई स्वीकार की और आभार जताया।