Edited By Ramkesh,Updated: 28 Nov, 2024 12:43 PM
उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा मामले में नया अपडेट सामने निकल कर आया है। दरअसल, हिंसा में शामिल और SP बिश्नोई पर गोली चलाने वाले दो आरोपियों की पहचान पुलिस ने कर ली है। अब उन पर एक्शन की तैयारी कर रही है। सूत्रों से मिली...
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा मामले में नया अपडेट सामने निकल कर आया है। दरअसल, हिंसा में शामिल और SP बिश्नोई पर गोली चलाने वाले दो आरोपियों की पहचान पुलिस ने कर ली है। अब उन पर एक्शन की तैयारी कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी का डेलीगेशन 2 दिसंबर को संभल जाएगा। उसके बाद पीड़ित लोगों से मुलाकात कर मामले की जानकारी जुटा कर पार्टी हाईकमान को भेजेगा।
जगह-जगह उपद्रवी तत्वों की लागाए जा रहे पोस्टर
आप को बता दें कि हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई उपद्रवी तत्वों की पहचान के लिए जगह-जगह उनके पोस्टर लगवाने की प्रदेश सरकार ने घोषणा की है। पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के लिए 30 टीमें गठित की गई हैं। उन्होंने बताया कि कोट पूर्वी इलाके से कथित दंगाइयों की 100 से अधिक तस्वीरें जारी की गई हैं। उन्होंने बताया कि संभल में बाजार और स्कूल फिर से खुलने के बावजूद एहतियाती उपाय के तहत इंटरनेट पर प्रतिबंध 48 घंटों के लिए बढ़ा दिया गया है।
जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
संभल शहर के मोहल्ला कोट पूर्वी स्थित मुगल कालीन जामा मस्जिद में पिछले रविवार को अदालत के आदेश पर सर्वे का काम शुरू किया गया था। इसके विरोध में भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि एक उप जिलाधिकारी समेत कम से कम 25 लोग घायल हो गए थे। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस टकराव में नईम, बिलाल, नोमान और कैफ नाम के युवकों की मृत्यु हो गयी। पुलिस ने अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और साथ ही प्राथमिकी भी दर्ज की है।
विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ पुलिस ने केस किया है दर्ज
नामजद आरोपियों में सपा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क, स्थानीय विधायक इकबाल महमूद का बेटा सोहैल इकबाल और 2,750 अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं। राज्यसभा में विपक्ष ने संभल में हिंसा की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग की। इससे संसद के दोनों सदन- लोकसभा और राज्यसभा बिना किसी कामकाज के स्थगित हो गए।