कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी आगरा रवाना

Edited By PTI News Agency,Updated: 20 Oct, 2021 07:18 PM

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लखनऊ, 20 अक्टूबर (भाषा) आगरा के एक थाने के मालखाने से नकदी चुराने के आरोपी की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत के बाद उसके परिजन से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को पुलिस ने पहले लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर रोका था, लेकिन...

लखनऊ, 20 अक्टूबर (भाषा) आगरा के एक थाने के मालखाने से नकदी चुराने के आरोपी की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत के बाद उसके परिजन से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को पुलिस ने पहले लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर रोका था, लेकिन अब वह आगरा रवाना हो गयी हैं।

पुलिस आयुक्त डी. के. ठाकुर ने दिन में बताया था ‘‘आगरा के जिलाधिकारी ने लखनऊ पुलिस से लिखित अनुरोध किया था कि राजधानी से आगरा आने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं को कानून-व्यवस्था के मद्देनजर वहां न आने दिया जाए।’’ उन्होंने कहा, इसी कारण कांग्रेस महासचिव और उनके साथ जा रहे अन्य लोगों को लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर लखनऊ सीमा के अंदर ही रोक दिया गया था लेकिन बाद में वहां कार्यकर्ताओं की भीड़ देखते हुए उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया था।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस महासचिव अरुण नामक व्यक्ति से मिलने आगरा जा रही थीं, जिसकी कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत हो गई है।

कुशीनगर हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जब प्रियंका को रोके जाने की बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ''कानून व्यवस्था सर्वोपरि है। कानून के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।''
रास्ते में रोके जाने के बाद प्रियंका ने ट्वीट किया था, ''अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई है। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है? आज भगवान वाल्मीकि की जयंती हैं, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।''
प्रियंका ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''किसी को पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस की हिरासत में अरुण वाल्मीकि के मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। उच्चस्तरीय जांच, पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले।''
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने भी आगरा में कथित रूप से पुलिस हिरासत में हुई वाल्मिकी समुदाय के व्यक्ति की मौत के मामले पर सरकार को घेरा।

उन्होंने ट्वीट किया, ''आगरा में एक सफाई कर्मी की पुलिस हिरासत में हुई मौत अति-दुःखद व शर्मनाक। उत्तर प्रदेश सरकार दोषियों को सख़्त सज़ा दे तथा पीड़ित परिवार की भी हर प्रकार से पूरी-पूरी मदद करे, बसपा की यह माँग।''
गौरतलब है कि आगरा के जगदीशपुरा थाने से के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के आरोप में वहां सफाई कर्मचारी के रूप में काम करने वाले अरुण को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी।

आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी ने आज बताया कि मंगलवार की रात अरुण की निशनदेही पर चोरी के पैसे बरामद करने के लिए उसके घर की तलाशी ली जा रही थी, उसी दौरान आरोपी की तबियत बिगड़ने लगी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया हुआ घोषित कर दिया।
इस घटना के संबंध में आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) ने थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
पुलिस ने बताया कि तलाशी के दौरान अरुण के घर से 15 लाख रुपये बरामद हुए हैं।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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