जौनपुर में प्रस्तावित नया जेल: भूमि का आकलन अभी भी नहीं हो सका पूरा

Edited By Umakant yadav,Updated: 20 Nov, 2020 01:20 PM

proposed new jail in jaunpur assessment of land still not completed

उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित नए जेल के लिए जिन 343 किसानों से जमीन का पैमाना कराया जाना था उनमें 175 की जमीन की मालकियत का नाम पूरा हो गया है।

जौनपुर: उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित नए जेल के लिए जिन 343 किसानों से जमीन का पैमाना कराया जाना था उनमें 175 की जमीन की मालकियत का नाम पूरा हो गया है। जिला कारागार के अधीक्षक एस के पांडेय ने आज कहा कि भूमि संबंधी दस्तावेजों के आधार पर जेल प्रशासन अन्य किसानों की भी भूमि के मूल्य का आकलन करने में जुटा हुआ है। बावजूद इसके बैनामे की प्रक्रिया इस साल शुरू होने की उम्मीद कम ही है, क्योंकि निबंधन शुल्क के लिए जरूरी 35 लाख रुपये लिखा पढ़ी के बाद भी अभी तक अवमुक्त नहीं हो सके हैं।

पांडेय ने कहा कि 150 साल पुराने जेल में बंदी क्षमता महज 320 है। गुरुवार को जेल में बंदियों की संख्या 1294 यानी क्षमता से करीब चार गुना हो गई है। करीब एक दशक पहले जब बंदी क्षमता से दो गुना हुई थी, तो उसी वक्त जेल के निर्माण की कवायद शुरू हुई थी। करीब सात साल बाद प्रशासन ने जौनपुर-मीरजापुर रोड पर कुद्दूपुर, रंजीतपुर व इंदरिया गांवों में 20 हेक्टेयर के आस-पास जमीन चिह्नित की। इसमें 12.99 हेक्टेयर जमीन 343 किसानों की है। बाकी जबकि 7.03 हेक्टेयर ग्राम समाज की है।

उन्होंने कहा कि जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत की जा रही है गांव के सकिर्ल रेट से कहीं ज्यादा मुआवजे के तौर पर भुगतान के लिए शासन से आए 45 करोड़ 72 लाख 90 हजार साल भर से केनरा बैंक की शाखा में जेल अधीक्षक के पदनाम के खाते में जमा है। राज्यपाल ने बैनामा के लिए स्टांप शुल्क माफ कर दिया है। अब निबंधन शुल्क अड़ंगा बना हुआ है। निबंधन विभाग ने कुछ रियायत कर 10 लाख से कम मालियत पर 10,500 व इससे अधिक पर अधिकतम 20 हजार रुपये निर्धारित कर दिया है। 

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