निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों ने चेतावनी, CM से की प्रस्ताव रद्द करने की मांग

Edited By Ramkesh,Updated: 29 Jul, 2020 02:56 PM

power workers warn against privatization demand from cm to cancel proposal

उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों ने पूर्वांचल विद्युत् वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को रद्द करने की अपील मुख्यमंत्री से की है।

मथुरा: उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों ने पूर्वांचल विद्युत् वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को रद्द करने की अपील मुख्यमंत्री से की है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वी0पी0 सिंह ने आज वीडियो लिंक के माध्यम से बात की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच निर्बाध सुचारु बिजली आपूर्ति बनाये रखने वाले प्रदेश के ऊर्जा निगमों की किसी भी इकाई का निजीकरण ना किया जाय, यदि ऐसा किया गया प्रदेश के बिजली कर्मचारी आंदोलन को जाने पर मजबूर हो जाएंगे। उनका कहना था कि आंदोलन किसी के भी हित में नही है इसीलिए संघर्ष समित के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर उनसे अनुरोध किया है कि वे पूर्वांचल विद्युत् वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को रद्द कर दें।
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प्रदेश के ऊर्जा निगमों की किसी भी इकाई का निजीकरण स्वीकार्य नही
 उन्होंने कहा कि समिति ने मुख्यमंत्री से यह भी जानना चाहा है कि वे उत्तर प्रदेश की बिजली की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए जो अपेक्षा करते हैं उसका खुलासा करें। कोरोना महामारी के बीच निर्बाध सुचारु बिजली आपूर्ति बनाये रखने वाले प्रदेश के ऊर्जा निगमों की किसी भी इकाई का निजीकरण स्वीकार्य नही है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारियों , जूनियर इंजीनियरों व् अभियंताओं को विश्वास में लेकर बिजली उत्पादन , पारेषण और वितरण में चल रहे सुधार के कार्यक्रम सार्वजनिक क्षेत्र में ही जारी रखे जाये जिससे आम जनता को सस्ती और गुणवत्ता परक बिजली मिल सके।

ग्रेटर नोएडा के निजीकरण और 10 साल की आगरा की फ्रेंचाइजीकरण की समीक्षा किया जाना जरूरी 
निजीकरण का प्रयोग हर द्दष्टि से अभी तक न केवल घाटे का सौदा रहे हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि निजीकरण का एक और प्रयोग करने के पहले 27 साल के ग्रेटर नोएडा के निजीकरण और 10 साल की आगरा की फ्रेंचाइजीकरण की समीक्षा किया जाना जरूरी है क्योंकि नोएडा पॉवर कंपनी और टोरेन्ट कंपनी न केवल करार का लगातार उल्लंघन कर रही हैं बल्कि अब तक पॉवर कार्पोरेशन को अरबों रुपये की चपत लग चुकी है। दोनों ही स्थानों पर जनता इनकी खराब सेवाओं से आजिज आ चुकी है।

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