Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Jun, 2023 01:10 PM

Politics News: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने प्रेस को जारी अपने एक बयान में कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां सभी धर्मों और पंथों को मानने वाले रहते हैं, कुछ देशों के मुकाबले में भारत में...
(बरेली) Politics News: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने प्रेस को जारी अपने एक बयान में कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां सभी धर्मों और पंथों को मानने वाले रहते हैं, कुछ देशों के मुकाबले में भारत में मुसलमान सुरक्षित हैं और यहां आज़ादाना तरीके से धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जिसमें कहीं भी कोई रुकावट नहीं होती है। मौलाना ने यह प्रतिक्रिया संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर दी है जिसमें कहा गया है कि भारत में मुसलमान सुरक्षित है।
'इस तरह के बयानों से उन लोगों के हौसले पस्त होंगे जो लोग देश में कट्टरता और नफरत फैला रहें हैं'
जानकारी के अनुसार, मौलाना ने संघ प्रमुख के बयान को उचित और दुरुस्त बताते हुए कहा कि इस तरह के बयानों से उन लोगों के हौसले पस्त होंगे जो लोग देश में कट्टरता और नफरत फैला रहें हैं, देश की आजादी में हिन्दू और मुसलमान दोनों ने कांधे से कांधा मिलाकर देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसलिए किसी भी सम्प्रदायक के योगदान और भूमिका को कमतर नहीं आंका जा सकता। देश के बंटवारे के वक्त जिन लोगों को जाना था वो लोग चले गए और जिन लोगों को यहां रहना था वो यहीं के होकर रह गए, अब 1947 की बातें गुजरी हुई हो गईं, पुरानी बातों को मुद्दा बनाकर बार-बार मुसलमानों को निशाना साधना यह समाज और देश के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। यह देश हमारा है और हमारे बुज़ुर्गों ने खून पसीने से सींचा है इसलिए भारत में मुसलमानों को किसी से डरने की जरूरत नहीं है।

'मौजूदा परस्थितियों में भारत विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है'
मौलाना बरेलवी ने कहा कि अब इन बातों की आवश्यकता नहीं है, जरूरत इस बात की है कि हर व्यक्ति देश की तरक्की में साझेदार बने और खास भूमिका निभाये, देश की तरक्की हर शख्स की तरक्की है, मौजूदा परस्थितियों में भारत विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता रखता है, दुनियाभर के लोग भारत की तरफ उम्मीदभरी नजरों से देख रहें हैं, अब ऐसी परस्थितियों में देश के अंदर सम्प्रदायिक भावना से बात करना और एक दूसरे से ऊंच नीच दिखाने की कोशिश करना देश की तरक्की में बाधा बन सकती हैं।