Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 07 Aug, 2022 10:45 AM

उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। दरअसल कोर्ट ने डॉक्ट...
गोरखपुरः उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश सरकार के मत्स्य पालन मंत्री डॉक्टर संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। दरअसल कोर्ट ने डॉक्टर संजय निषाद को कोर्ट में पेश होने के लिए लगातार कई नोटिस भेजे थे ।जिसके बाद भी वह कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट ने एसओ शाहपुर को यह निर्देशित किया कि 10 अगस्त को गिरफ्तार करें।
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह मामला 7 जून 2015 का है, जब संजय निषाद 5 फ़ीसदी सरकारी नौकरियों में निषादों के आरक्षण की मांग को लेकर सहजनवा के कसरवल में धरना प्रदर्शन किया था। उस दौरान रेल रोको कार्यक्रम का आह्वान संजय निषाद ने अपने कार्यकर्ताओं से किया था। जिसके बाद दूर-दूर से कार्यकर्ता गोरखपुर आ गए। दोपहर होते-होते यह संख्या हजारों में पहुंच गई। सबसे पहले आंदोलनकारी मगहर में कबीर मठ पर जाकर शीश नवाया और उसके बाद रेलवे ट्रैक पर जाकर कब्जा कर लिया।
आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर चारपाई लगाकर बैठे गए थे। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो किसी ने पत्थर चला दिया जिसके बाद लाठीचार्ज हुआ। आंसू गैस के गोले व रबर बुलेट का इस्तेमाल हुआ। शाम पांच को आंदोलनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान वहां कई राउंड गोली चल गई। जिसकी चपेट में आए इटावा के रहने वाले अखिलेश निषाद की मौत हो गई और कइ लोग घायल हो गए।
निषाादों का यह आंदोलन पूरे देश में चर्चित हुआ था और संजय निषाद रातों रात चर्चा में आ गए थे। निषादों के आरक्षण को लेकर इसके बाद गोरखपुर में कई आंदोलन हुए। तत्कालीन सहजनवां थानेदार श्यामलाल यादव ने डाक्टर संजय निषाद समेत 36 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे में डाक्टर संजय निषाद पहले से जमानत पर हैं। न्यायालय द्वारा बार-बार हाजिर होने के लिए आदेश जारी किए जाने के बावजूद वह उपस्थित नहीं हो रहे थे। इसके बाद न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।