सरकारी नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद और भेदभाव अब बीते दिनों की बात: योगी

Edited By Ramkesh,Updated: 15 Jun, 2025 08:02 PM

nepotism and discrimination in government yogi

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सरकारी नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद और भेदभाव अब बीते दिनों की बात हो गयी है और अब आरक्षण का लाभ देते हुए मेरिट के आधार पर पूरी पारदर्शिता से भर्तियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सरकारी नियुक्तियों में भाई-भतीजावाद और भेदभाव अब बीते दिनों की बात हो गयी है और अब आरक्षण का लाभ देते हुए मेरिट के आधार पर पूरी पारदर्शिता से भर्तियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में प्रदेश पुलिस के 60 हजार 244 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरण के लिये आयोजित कार्यक्रम में कहा, ''वर्ष 2017 (उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार के गठन का वर्ष) से पहले (सरकारी भर्तियों में) भाई—भतीजावाद था। भेदभाव होता था। परीक्षा की शुचिता पर प्रश्न खड़े होते थे। पैसा दिए बगैर किसी का भी चयन नहीं हो सकता था लेकिन आज यह बीते दिन की बात हो गई है।

संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण के आधार पर मिला लाभ
 उन्होंने कहा, ''अब तो अभ्यर्थियों को संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ देते हुए मेरिट को ध्यान में रखकर इस प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से संपन्न करने का कार्य किया जा रहा है। आज उसी का परिणाम है कि हम लोगों ने अकेले उत्तर प्रदेश पुलिस बल में पिछले आठ वर्षों में दो लाख 16 हजार कर्मियों की नियुक्ति की है। केवल भर्ती ही नहीं की है, बल्कि पुलिस को मॉडर्न पुलिस बनाने की दिशा में भी कार्य किया है।'' आदित्यनाथ ने पूर्व में हुई पुलिस भर्ती में शाह के सहयोग को याद करते हुए कहा, ''मुझे याद है कि 2017 में जब हम लोगों ने पहली पुलिस भर्ती की थी। उस समय मैं, भाजपा के (तत्कालीन) राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में गृहमंत्री अमित शाह जी के पास गया था। उन्होंने कहा था कि आप भर्ती करिये, प्रशिक्षण के लिए हम लोग सेना, अर्धसैनिक बल और अन्य राज्यों के प्रशिक्षण केंद्रों पर भी सुविधा उपलब्ध कराएंगे। मैं आभारी हूं कि उस समय तमाम राज्यों, अर्धसैनिक बलों और सेना ने हमें प्रशिक्षण केंद्र उपलब्ध कराये।

 योगी सरकार ने यूपी आठ नयी फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं चालू की
मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से मुखातिब होते हुए कहा, ''आपने 2021 में उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश स्टेट फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट का शिलान्यास किया था और 2023 से इस संस्थान ने काम शुरू कर दिया है।'' उन्होंने कहा, ''भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की मूल भावना दंड आधारित न होकर न्याय प्रदान करने की है। इनमें वैज्ञानिक साक्ष्य एवं तकनीक का ज्ञान अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश में आठ नयी फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं चालू हो चुकी हैं और छह नयी प्रयोगशालाओं पर काम चल रहा है।

आम आदमी के साथ पुलिस का दोस्ताना हो व्यवहार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी 75 जिलों में गृह मंत्रालय के सहयोग से दो-दो मोबाइल फॉरेंसिक प्रयोगशाला उपलब्ध कराई गई हैं और तीसरी भी उपलब्ध कराने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों को आम जनता से मित्रवत और संवेदनशीलतापूर्ण व्यवहार करने की ताकीद करते हुए कहा, ''जवाबदेही के साथ आज पुलिस का आम आदमी के साथ दोस्ताना व्यवहार होना चाहिये।

आम आदमी की समस्या के समाधान के लिये संवेदनशील बनना चाहिये। महाकुंभ में पुलिस के व्यवहार की तारीफ की गई। अगर महाकुंभ में किया जा सकता है तो सामान्य दिनों में क्यों नहीं? इस दिशा में भी नए प्रयास प्रारंभ होने चाहिए।” इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने मंच पर 15 नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये। 

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