Edited By Ramkesh,Updated: 09 Apr, 2025 03:09 PM

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को 'विश्व नमोकार महामंत्र दिवस' पर कहा कि यह महामंत्र भौतिक, दैवीय और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के दुखों से मुक्ति दिलाने का साधन है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती जैन तीर्थंकरों की पावन भूमि रही है।...
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को 'विश्व नमोकार महामंत्र दिवस' पर कहा कि यह महामंत्र भौतिक, दैवीय और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के दुखों से मुक्ति दिलाने का साधन है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती जैन तीर्थंकरों की पावन भूमि रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान ऋषभदेव का जन्म हुआ, वहीं, काशी की धरती पर भी तीर्थंकर का जन्म हुआ।
बुधवार को गोमती नगर स्थित संगीत नाटक अकादमी में ‘जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन' द्वारा आयोजित भव्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने व्यवहारिक जीवन में नमोकार महामंत्र को उतारने के लिए 9 संकल्प बताए हैं, जिन्हें हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने भगवान महावीर जयंती की शुभकामनाएं भी दीं और जैन धर्म की अहिंसा और परोपकार की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमोकार महामंत्र के महत्व को बताते हुए कहा कि साधना, आत्मशुद्धि और लोक कल्याण की भावना से जुड़कर व्यक्ति ना केवल स्वयं का कल्याण करता है, बल्कि समाज और दुनिया के लिए भी प्रेरणा बनता है। मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘पहली बार पूरी दुनिया में विश्व नमोकार महामंत्र दिवस का एक साथ आयोजन कर जैन धर्म की शिक्षाओं को वैश्विक मंच पर स्थापित किया गया है। यह सभी के लिए प्रेरणा का माध्यम बनेगा। सभी लोगों को जैन धर्म के उपदेशों को आत्मसात करना चाहिए।'