Edited By Ajay kumar,Updated: 08 Oct, 2022 07:08 PM

"सर तन से जुदा कर देंगे" वाक्य इन दिनों काफी सुर्खियों में है। जिसपर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। रजवी ने मुस्लिमों से पाकिस्तान से प्रमोट होकर भारत में आए "सर तन से जुदा सर तन से...
बरेलीः "सर तन से जुदा कर देंगे" वाक्य इन दिनों काफी सुर्खियों में है। जिसपर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। रजवी ने मुस्लिमों से पाकिस्तान से प्रमोट होकर भारत में आए "सर तन से जुदा सर तन से जुदा" नारे को जुलूसे मौहम्मदी में न लगाने की बात कही है। इस नारे की बजाए हमारे बुजुर्गों के पुराने नारे "प्यारे नबी की है ये शान बच्चा- बच्चा है कुर्बान" का नारा लगाएं, ये हिन्दुस्तानी नारा है। इस नारे में नबी के साथ बेपनाह मुहब्बत का इजहार होता है। इसके साथ ही इस नारे से किसी भारतीय के लिए हिंसात्मक कार्रवाई के लिए नहीं उभारता। मौलाना ने कहा कि सर तन से जुदा वाला नारा गैर अख़लाकी, गैर कानूनी और गैर शरई है।
कानून को अपने हाथ में लेना जाईज़ नहीं
मौलाना ने कहा कि आला हजरत ने अपने फतवे में लिखा है कि कानून को अपने हाथ में लेना जाईज़ नहीं है, और सजा देने का अधिकार हुकूमत का है। किसी व्यक्ति को ये अधिकार नहीं दिया जाता, कि वह खुद सजा मुकर्रर करें और खुद ही सजा दे फिर चाहे इस्लामी देश हो या लोकतांत्रिक देश हों।
जुलूस में डीजे बजाना नाजायज
मौलाना ने कहा कि जुलूसे मौहम्मदी को पाकिज़गी और पैग़म्बरे इस्लाम की सीरत की रौशनी में निकाला जाना चाहिए। जुलूस में मुकम्मल तरीके से शरीयत की रौशनी में रखा जाए और भाग लेने वाला हर व्यक्ति शरीयत की पाबंदी करे। डीजे, गाना बजाना, नात की कैसिट पर रूमाल लैहराकर थिरकना ये सब नाजायज है। इस तरह के काम करने से जुलूस की धार्मिक गरिमा को नुक्सान पहुंचाता है और सबाब के बजाए गुनाह मिलता है इसलिए जुलूस में कोई भी ऐसा कार्य न किया जाए जो पैग़म्बरे इस्लाम की शिक्षा के अनुसार नहीं है।