Edited By Ajay kumar,Updated: 25 Mar, 2020 04:34 PM
कोरोना वायरस की मार से जहां पूरा देश जूझ रहा है वहीं जमाखोरों और मुनाफा कमाने वाले भी पीछे नहीं हट रहे हैं। ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है
वाराणसी: कोरोना वायरस की मार से जहां पूरा देश जूझ रहा है वहीं जमाखोरों और मुनाफा कमाने वाले भी पीछे नहीं हट रहे हैं। ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से जहां 22 रूपये किलो बिकने वाला आटा फुटकर बाजार में 50 रुपये किलो बिक रहा है। ये महंगाई सिर्फ अनाजों में नहीं बल्कि सब्जियों में भी देखी गई।
बता दें कि बनारस 23 मार्च से ही लॉकडाउन है, जिसके अंतर्गत सुबह के वक्त लगभग 12 बजे तक राशन के दुकानों को छूट मिली हुई है लेकिन मंगलवार को PM मोदी द्वारा 21 दिन के आह्वान करने के बाद एक बार फिर सुबह होते ही राशन की दुकानों से लेकर सब्जियों के मंडी तक जनता की भीड़ लग गई। इसका पूरा फायदा कालाबाजारी करने वालों को मिल रहा है। दुकानदार डंके की चोट पर आटा की किल्लत बताकर आटा को 50 रूपये किलो बेच रहे हैं।
इसके बावजूद जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। आम आदमी को मजबूरी में महंगे सामानों को खरीदना पड़ है। आलम ये है कि वाराणसी सिगरा, सोनिया, औरंगाबाद, भेलुपुर समेत कई इलाकों में कालाबाजारी चल रहा है। यही नहीं आटा के साथ-साथ चावल, दाल, सरसों का तेल, रिफाइंड और व्रत की सामग्रियों में 30 से 40 रुपये बढ़ाकर कालाबाजरी की जा रही है।
स्थानीय निवासी दिनेश सेठ और अनिल पाण्डेय ने बताया कि बाजारों में खुलेआम दामों में बढ़ोतरी की हुई है। हम आमजन को खरीदना मजबूरी हो गयी है क्योंकि पीएम मोदी ने खुद आह्वान किया है कि 21 दिनों तक घर में रहें। अब 21 दिनों तक घर में रहने के लिए समान को खरीदना ही पड़ेगा। ऐसे में हमे मजबूरी में महंगे समान खरीदने पड़ रहे हैं।
वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि बाजारों में लॉकडाउन के नाम से कालाबाजरी हो रही है। इस पर व्यापारियों से बात करके एक दाम तय किया जाएगा, जिसमें थोड़ा समय लगेगा।