Edited By Ramkesh,Updated: 15 Nov, 2024 07:50 PM
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पीजीआई थाने पुलिस की बर्बरता सामने आई है। जहां पर आरोप है कि चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए युवक को पहले थाने लाईं। उसके बाद मोबाइल चोरी का जुर्म स्वीकार करने का दबाव बनाया, लेकिन युवक ने चोरी की घटना में शामिल...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पीजीआई थाने पुलिस की बर्बरता सामने आई है। जहां पर आरोप है कि चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए युवक को पहले थाने लाईं। उसके बाद मोबाइल चोरी का जुर्म स्वीकार करने का दबाव बनाया, लेकिन युवक ने चोरी की घटना में शामिल होने से इनकार कर दिया। रोहित तिवारी पीड़ित का आरोप है कि इस दौरान उसे चोरी के अन्य मामलों में फंसाने की धमकी दी। उसके बाद वह नहीं चोरी की घटना से इनकार करता रहा। जिसे नाराज पुलिसकर्मियों ने उसके थाने में जमकर पिटाई की। जब पीड़ित अधमरा हो गया तो उसके चलान कर जेल भेज दिया गया। घटना का जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया। आनन फानन में खानापूर्ति करते हुए आरक्षी आशुतोष सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाने पुलिस ने फैजुल्लागंज निवासी रोहित तिवारी को 13 नवंबर को चोरी के आरोप में बुधवार को पूछताछ के बुलाया। आरोप है कि उसके बाद जबरन चोरी के मामले को स्वीकार करने की बात कही जाती हैं, जब रोहित तिवारी इस बात को लेकर इनकार कर देता है ,तो थाना पीजीआई के वृंदावन चौकी पर चौकी इंचार्ज के इशारे पर रोहित तिवारी को आशुतोष सिंह और उनके साथियों द्वारा डंडों से पिटाई की जाती है ,इतनी पिटाई की जाती है कि रोहित तिवारी अधमरा हो जाते है।
वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद खानापूर्ति करते हुए आरक्षी आशुतोष सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया है। वही अभी तक चौकी प्रभारी और थाना प्रभारी पर कार्रवाई के नाम पर ठेंगा दिखाने का काम किया जा रहा है। अब बड़ा सवाल है कि आरोपी दोषी है या नहीं तो यह कोर्ट तय करेगी लेकिन पुलिसकर्मी ने आखिर क्यों इस प्रकार से पीड़ित को पड़ताड़ित करते हैं। अब बड़ा सवाल है कि इस मामले में क्या और लोगों पर कार्रवाई होती है यह फिर मामले में जांच के नाम पर लीपापोती कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।