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शाहजहांपुर में 'लाट साहब' होली के लिए मस्जिदों को तिरपाल ढका, जानिए क्या है इसके पीछे की अहम वजह?

Edited By Anil Kapoor,Updated: 12 Mar, 2025 03:38 PM

in shahjahanpur mosques were covered with tarpaulin for  laat sahab  holi

Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में पारंपरिक 'लाट साहब' होली जुलूस के मार्ग पर स्थित मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया है और रंगों के त्योहार से पहले कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं। इसके अलावा इस बार होली वाले दिन जुमे (शुक्रवार) की...

Shahjahanpur News: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में पारंपरिक 'लाट साहब' होली जुलूस के मार्ग पर स्थित मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया है और रंगों के त्योहार से पहले कड़े सुरक्षा उपाय किए गए हैं। इसके अलावा इस बार होली वाले दिन जुमे (शुक्रवार) की नमाज के चलते प्रशासन कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है। 18वीं शताब्दी की परंपरा के अनुसार, शाहजहांपुर में होली की शुरुआत एक बैलगाड़ी पर बैठे 'लाट साहब' (एक ब्रिटिश लॉर्ड) का वेश धारण किए हुए एक व्यक्ति पर जूते फेंकने से होती है। स्थानीय प्रशासन द्वारा जुलूस मार्ग पर बैरिकेड लगाए गए हैं और कई सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

होली पर शहर में निकलते हैं कुल 18 जुलूस: पुलिस अधीक्षक राजेश एस
पुलिस अधीक्षक राजेश एस ने बताया कि होली पर कुल 18 जुलूस शहर में निकलते हैं जिसमें दो जुलूस प्रमुख होते हैं। इन जुलूस में सुरक्षा के लिए बड़े लाट साहब के जुलूस को तीन जोन तथा आठ सेक्टर में बांटा गया है जिनमें लगभग 100 मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है।” उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा 2423 लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। उनके मुताबिक, इसके अलावा दोनों जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था में 10 पुलिस क्षेत्राधिकारी व 250 उपनिरीक्षक समेत लगभग 1500 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और पीएसी की दो कंपनियां भी जुलूस मार्ग पर तैनात रहेंगी। राजेश ने कहा, “किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। होली का त्यौहार लोग सद्भाव के साथ मनाएं । हंगामा करने वालों पर पुलिस की नजर रहेगी ।” नगर आयुक्त डॉ विपिन कुमार मिश्रा ने बताया की लाट साहब के जुलूस के लिए मार्ग पर लगभग 350 कैमरे तथा स्टिल कैमरे लगवाए हैं । उन्होंने बताया कि जुलूस मार्ग पर पड़ने वाली लगभग 20 मस्जिदों को तिरपाल डालकर ढक दिया गया है ताकि उन पर रंग ना पड़े।

मस्जिद के तथा विद्युत ट्रांसफार्मर के पास लगाए गए हैं अवरोधक
मिश्रा के मुताबिक, इसके साथ ही मस्जिद के तथा विद्युत ट्रांसफार्मर के पास अवरोधक लगाए गए हैं। मिश्रा ने बताया, “जुलूस के आगे तथा पीछे दो ट्रैक्टर ट्रॉली चलेंगी जो रोड पर पड़े हुए जूता चप्पल तथा फटे कपड़े उठाएंगी। 16 पुलिस पिकेट पॉइंट के पास स्टिल कैमरा धारी भी मौजूद रहेंगे जो पूरे जुलूस की वीडियो ग्राफी करेंगे जिसे लाइव देखा जा सकेगा।” स्वामी सुकदेवानंद कॉलेज के इतिहासकार डॉ विकास खुराना ने बताया कि शाहजहांपुर में रहने वाले नवाब अब्दुल्ला खान नाराज होकर फर्रुखाबाद चले गए थे और बाद में 1728 में जब यह शाहजहांपुर वापस आए तो उस दिन होली का त्यौहार था, तब इन्होंने शहर में घूम-घूम कर सभी लोगों के साथ होली खेली।

'लाट साहब' का यह जुलूस कुंचा लाला से शुरू होकर फूलमती मंदिर तक जाता
खुराने ने बताया कि बाद में यह हर साल का क्रम बन गया जिसके बाद 1930 में यह जुलूस ऊंट गाड़ी पर निकलने लगा और इसके बाद से इसका स्वरूप बिगड़ता चला गया। उन्होंने बताया कि 1990 के दशक में इस जुलूस को रोकने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई जिसमें न्यायालय ने इसे पुरानी परंपरा मानते हुए हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। जुलूस के एक आयोजक मंडल के हरनाम कटिहार ने बताया, “लाट साहब का यह जुलूस कुंचा लाला से शुरू होकर फूलमती मंदिर पर जाता है जहां फूलमती मंदिर में लाट साहब पूजा अर्चना करते हैं। इसके बाद जुलूस कोतवाली में पहुंचता है। कोतवाली में कोतवाल से पूरे साल में हुए अपराधों का ब्योरा मांगते हैं। इसके बाद कोतवाल उन्हें बतौर रिश्वत एक शराब की बोतल तथा कुछ नकद धनराशि प्रदान करते हैं।

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