विजयदशमी के दिन मथुरा में प्रकांड विद्वान रावण की होती है पूजा

Edited By Ajay kumar,Updated: 08 Oct, 2019 04:11 PM

in mathura on the day of vijayadashami the scholar ravana is worshiped

जहां एक तरफ पूरे देश में विजयदशमी का पर्व रावण, अहिरावण के पुतलों का दहन कर बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। वहीं दूसरी तरफ तीनों लोकों से न्यारी कान्हा(कृष्ण) की नगरी मथुरा मे ज्योतिष और आयुर्वेद के प्रकांड विद्वान लंका नरेश रावण...

मथुरा: जहां एक तरफ पूरे देश में विजयदशमी का पर्व रावण, अहिरावण के पुतलों का दहन कर बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। वहीं दूसरी तरफ तीनों लोकों से न्यारी कान्हा(कृष्ण) की नगरी मथुरा मे ज्योतिष और आयुर्वेद के प्रकांड विद्वान लंका नरेश रावण के अनुयायियों द्वारा विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की जाती है। साथ ही थाल सजा आरती उतारी जाती है।

जानकारी मुताबिक पूरे देश में आज शाम रावण को मारने की तैयारी की जा रही है। वहीं इसका दूसरा रूप मथुरा में देखने को मिला है। मथुरा में सारस्वत समाज के लोगों द्वारा रावण का पूजन किया जा रहा है। रावण की पूजा करने वाले अनुयायियों ने कहा है कि रावण एक प्रकांड विद्वान थे। उन्होंने सीता-माता का हरण तो किया था, लेकिन उन्हें अपनी वाटिका में रखा, अपने परिवार के लोगों की मृत्यु के बाद भी सीता के साथ कोई अनैतिक कार्य नहीं किया था।
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हम रावण के अनुयायी इसकी घोर निंदा करते हैं: सारस्वत समाज (रावण भक्त)
अनुयायियों का कहना है कि जो रावण का पुतला हर साल जलाया जाता है वह हिन्दू धर्म के खिलाफ है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार आदमी की अन्तयेश्टि एक बार ही होती है। वहीं पूरे देश में हर साल रावण को जलाकर बुराई पर अच्छाई की विजय बताया जाता है। यह बिल्कुल गलत है और हम रावण के अनुयायी इसकी घोर निंदा करते हैं। साथ ही सारे देशवासियों से अपील करते हैं कि रावण का पुतला हर साल न जलाया जाए। बल्कि वहीं भगवान राम की लीला का मंचन हर साल कराया जाए जिससे समाज में रहने वाले लोगों को मर्यादा का ज्ञान होता रहे। 

 

 

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