Edited By Ruby,Updated: 03 Jul, 2018 05:55 PM
टी-20 वुमैन टीम की कप्तान और पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात हरमनप्रीत कौर की नौकरी छीन सकती है। दरअसल पंजाब पुलिस के डीजीपी( प्रबंधन) एम.के तिवाड़ी ने जांच में मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से हासिल हरमनप्रीत की ग्रेजुएशन की डिर्गी को...
मेरठः टी-20 वुमैन टीम की कप्तान और पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात हरमनप्रीत कौर की नौकरी छीन सकती है। दरअसल पंजाब पुलिस के डीजीपी( प्रबंधन) एम.के तिवाड़ी ने जांच में मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से हासिल हरमनप्रीत की ग्रेजुएशन की डिर्गी को नकली बताया हैं।
डीजीपी (प्रबंधन) एमके तिवाड़ी का कहना है कि जांच के दौरान चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ ने हरमनप्रीत कौर के बीए के सर्टिफिकेट को असली नहीं बताया है। सर्टिफिकेट की जांच के बाद उन्होंने इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी है। ऐसे में हरमनप्रीत कौर का डीएसपी पद पर बना रहना शायद संभव नहीं होगा।
वहीं हरमनप्रीत के पिता का कहना है कि वह खुद मेरठ जाकर इस डिर्गी की असलीयत से मुखातिब होंगे, क्योंकि इस डिर्गी के आधार पर ही उनकी बेटी ने 3 साल रेलवे में नौकरी की है।
बता दें कि इसी साल 1 मार्च को हरमनप्रीत को पंजाब पुलिस में डीएसपी बनाया गया था। डीएसपी के पद के लिए हरमन ने रेलवे की नौकरी छोड़ दी थी। पंजाब पुलिस ने हरमनप्रीत कौर के ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट की जांच करवाने के बाद पाया कि सर्टिफिकेट असली नहीं है। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ ने इसे असली सर्टिफिकेट होने से इन्कार किया है।
हरमनप्रीत के पिता हरमंदर सिंह का कहना है कि उनकी बेटी ने 12वीं तक की पढ़ाई तो उनकी देखरेख में मोगा से की है। बाद में उसका चयन भारतीय महिला क्रिकेट टीम में हो गया। बाद में उसने मेरठ से बीए की डिग्री हासिल की थी।
गौरतलब है कि अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हरमनप्रीत कौर को बीती1 मार्च को पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात किया गया था। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह औऱ डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने खुद उन्हें ज्वाइंन कराया था। इससे पहले हरमनप्रीत 3 साल रेलवे में भी नौकरी कर चुकी है।