Edited By Pooja Gill,Updated: 30 Nov, 2024 03:04 PM
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को केंद्र सरकार और विपक्ष से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि संसद के मौजूदा सत्र व्यापक देशहित में ठीक से चले जिसके लिए सरकार और विपक्ष दोनों को गंभीर होना बहुत जरूरी...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को केंद्र सरकार और विपक्ष से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि संसद के मौजूदा सत्र व्यापक देशहित में ठीक से चले जिसके लिए सरकार और विपक्ष दोनों को गंभीर होना बहुत जरूरी है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह अपील ऐसे समय में की है जब अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों और संभल में मस्जिद के सर्वेक्षण के बाद हुई हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही में अवरोध उत्पन्न हो रहा है।
'आंबेडकरवादी समुदायों को एकजुट होने की जरूरत'
बसपा द्वारा जारी बयान के मुताबिक, “अदाणी समूह पर लगा नया आरोप और संभल मस्जिद को लेकर उभरा विवाद ऐसे चर्चित और ज्वलंत मुद्दे हैं जिसको लेकर संसद में सरकार तथा विपक्ष के बीच जबरदस्त टकराव हो रहा है। इसके कारण संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है।” मायावती ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों सहित पार्टी के अन्य सभी जिम्मेदार लोगों की बैठक को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि राजनीतिक सशक्तिकरण के संघर्ष में दलित और आंबेडकरवादी समुदायों को एकजुट होने की जरूरत है।
'सरकार दलितों के कल्याण के लिए कतई तैयार नहीं'
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार की तरह ही वर्तमान में भाजपा की गरीब-विरोधी और पूंजीपतियों के हितों का समर्थन करने वाली नीतियों के खिलाफ लोगों में आक्रोश है जिससे लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह पार्टी जातिवादी, सांप्रदायिक और संकीर्ण हथकंडे अपनाती है। मायावती ने प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर धार्मिक एजेंडे को संवैधानिक जिम्मेदारियों से अधिक प्राथमिकता देने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के मानवतावादी और कल्याणकारी संविधान की दुहाई सभी देते हैं, लेकिन संकीर्ण स्वार्थ के कारण कोई भी सरकार इस पर सही से अमल करने और दलितों व अन्य बहुजनों के वास्तविक कल्याण के लिए कतई तैयार नहीं है।