गंगा दशहराः कोरोना ने रोके भक्तों के कदम, घाटों पर आज पसरा रहा सन्नाटा

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 01 Jun, 2020 02:34 PM

ganga dussehra corona stopped the steps of the devotees

सैकड़ों वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ कि गंगा दशहरा की अवसर पर काशी के घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा हो। भोर से ही घाटों पर दूर-दूर से श्रद्धालु मां गंगा का आशीर्वाद लेने के लिए आने लगते थे। वहीं इस बार वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से श्रद्धालु गंगा...

वाराणसीः सैकड़ों वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ कि गंगा दशहरा की अवसर पर काशी के घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा हो। भोर से ही घाटों पर दूर-दूर से श्रद्धालु मां गंगा का आशीर्वाद लेने के लिए आने लगते थे। वहीं इस बार वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से श्रद्धालु गंगा में स्नान भी नहीं कर सके। बता दें कि घाटों पर पुलिस के साथ आरएएफ की तैनाती की गई है। इसके साथ ही स्नान की मनाही है।

वहीं कुछ श्रद्धालु जिनका की ये क्रम कभी नहीं छूटा वे घाटों पर पहुंचे लेकिन दूर से ही मां को प्रणाम कर कोरोना से मुक्ति व कल्याण का आशीर्वाद मांगा। यहां तक की दशाश्वमेध घाट पर सिर्फ एक अर्चक ने मां गंगा की आरती की और इस वौश्विक महामारी से मुक्ति दिलाने की कामना की।

गंगा दशहराः मां गंगा के अवतरण का पर्व
बता दें कि मां गंगा लंबा सफर तय करते हुए जेष्ठ शुक्ल प्रतिपदा से जेष्ठ शुक्ल दशमी 10 दिनों में हिमालय से होते हुए गंगासागर तक गई थी। मां गंगा के पृथ्वी पर आने का उत्सव ही गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। मोक्ष नगरी वाराणसी में इस महापर्व को हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में स्नान करते हैं व पाप से मुक्ति का आशीष मांगते हैं। इस दिन काशी के छोटे-बड़े सभी घाटों अस्सी, दशाश्वमेध, भदैनी, राजघाट, पचगंगा राजेंद्र, ललिता जैसे घाटों पर भोर से लेकर 12 बजे तक पैर रखने की जगह नहीं होती थी। इस बार का नजारा बिल्कूल भिन्न रहा भक्त दूर से ही मां को प्रणाम कर अपना पर्व मनाएं।

 

 

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