Edited By Pooja Gill,Updated: 06 Dec, 2025 08:33 AM

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। गायिका पर कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की धर्म पूछकर...
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। गायिका पर कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की धर्म पूछकर हत्या करने की घटना के सिलसिले में सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ निराधार, धर्म-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी बयान देने का आरोप है।
पीठ ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की एकल पीठ ने राठौर की अग्रिम जमानत याचिका पर यह आदेश पारित किया। पीठ ने कहा कि वह पिछली पीठ के आदेशानुसार जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं, जिसने उनकी प्राथमिकी रद्द करने संबंधी याचिका खारिज कर दी थी। पीठ ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी प्राथमिकी रद्द करने की उनकी याचिका पर उन्हें राहत नहीं दी थी और उन्हें केवल उचित समय पर रिहाई की अनुमति दी थी।
हजरतगंज थाने में दर्ज हुई थी प्राथमिकी
इस घटना में नेहा के खिलाफ 27 अप्रैल, 2025 को लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसकी जांच जारी है। उनकी दलीलों का विरोध करते हुए सरकारी वकील डॉ. वी.के. सिंह ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता ने न केवल प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भाजपा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की बल्कि ऐसे समय में जब पाकिस्तान के साथ तनाव चरम पर था, उन्होंने राष्ट्र-विरोधी बयान देकर संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन किया है।
'नेहा जांच में सहयोग नहीं कर रही'
डॉ. वी.के. सिंह ने कहा कि नेहा के बयानों को पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर काफी प्रशंसा मिली है। यह भी तर्क दिया गया कि बिहार चुनाव के संबंध में नेहा के बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं को भी लांघते हैं। सरकारी वकील ने पीठ को यह भी बताया कि नेहा जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं और नोटिस के बावजूद वह पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हो रही हैं।