किसान प्रदर्शन: दिल्ली-गाजियाबाद सीमा पर पुख्ता इंतजाम, लगाए गए कंक्रीट के बैरियर्स

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Nov, 2020 04:14 PM

farmer demonstration concrete arrangements on the delhi ghaziabad

केन्द्र के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन सोमवार को भी जारी है और इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर के पास प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ने से पुलिस ने उत्तर प्रदेश से की प्रवेश सीमा पर सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करते हुए कंक्रीट के...

नई दिल्ली: केन्द्र के तीन नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन सोमवार को भी जारी है और इस दौरान गाजीपुर बॉर्डर के पास प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ने से पुलिस ने उत्तर प्रदेश से की प्रवेश सीमा पर सुरक्षा तैयारियों को मजबूत करते हुए कंक्रीट के अवरोधक लगाए हैं। किसानों द्वारा आज राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाले और राजमार्गों को जाम करने की दी गई चेतावनी के बाद बाद सुरक्षा बढ़ाई गई है। सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पिछल दो दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है और किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की संख्या बढ़ गई है, जहां राज्य से और किसान उनका साथ देने के लिए यहां पहुंच गए हैं।

प्रदर्शनकारियों ने उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केन्द्र के प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए रविवार को कहा था कि वे कोई सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। इसके बाद उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए एक बैठक बुलाई थी। वहीं शनिवार को बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान पहुंचे किसानों का वहां प्रदर्शन जारी है। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताय कि ‘यूपी गेट' के पास गाजीपुर बॉर्डर पर स्थिति फिलहाल शांत है। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रदर्शन कर रहे किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल होने से रोकने के लिए कंक्रीट के अवरोधक (सीमेंट जर्सी बैरियर्स) लगाए गए हैं।'' अधिकारी ने कहा, ‘‘ प्रदर्शनकारी बुराड़ी मैदान नहीं जाना चाहते और जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना चाहते हैं।'' पुलिस ने कहा कि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर हालांकि सील नहीं किया गया है।

टिकरी बॉर्डर पर लगातार पांच दिन से प्रदर्शन कर रहे सुखविंदर सिंह ने कहा कि किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी रखेंगे, क्योंकि वे बुराड़ी के मैदान नहीं जा रहे। सिंह ने कहा, ‘‘ हमारे पास इतना राशन है कि हम यहां छह महीने तक रह सकते हैं। हम बुराड़ी नहीं जाना चाहते। अगर हम यहां से कहीं जाएंगे तो बस जंतर-मंतर। हम कहीं और प्रदर्शन नहीं करेंगे।'' उन्होंने कहा कि वे केन्द्र के साथ बातचीत को तैयार हैं, लेकिन बातचीत के बाद भी अगर कोई हल नहीं निकला तो वह दिल्ली जाने वाले सभी मार्ग बंद कर देंगे। सिंह ने कहा, ‘‘ हम अपनी मांगे पूरी होने तक यहां (टिकरी बॉर्डर) से नहीं जाएंगे। हम ठंड का सामना करने के लिए तैयार हैं, हम सामने आने वाली हर चुनौती के लिए तैयार हैं।'' गुड़गांव से आईं डॉ. सारिका वर्मा ने कहा, ‘‘ हम यहां आज आए हैं। हम अपने स्तर पर किसानों की मदद कर रहे हैं। हमारे पास रक्तचाप की दवाई, ‘पीसीएम', ‘क्रोसिन' और अन्य कई दवाइयां हैं।''

वर्मा ने कहा, ‘‘ किसानों को कोविड-19 के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है। इनमें से कई ने मास्क भी नहीं पहने हैं, जिससे की लोगों की जान को खतरा हो सकता है। हम मास्क बांट रहे हैं, खासकर उन लोगों को जिन्हें खांसी है या जो बुजुर्ग हैं।'' वहीं, डॉ. करण जुनेजा ने बताया कि उन्हें 300 किसानों को दवाइयां बांटी हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि प्रदर्शन स्थल पर कोविड-19 जांच किए जाने की जरूरत है। प्रदर्शन के कारण शहर में यातायात प्रभावित हो रहा है। दिल्ली यातायात पुलिस ने सोमवार सुबह ही लोगों को सिंघु और टिकरी बॉर्डर के बंद रहने की जानकारी देते हुए अन्य मार्ग से जाने को कहा। उसने ट्वीट किया, ‘‘ सिंघु बॉर्डर दोनों ओर से बंद है। कृपया वैकल्पिक मार्ग का चयन करें। मुकरबा चौक और जीटीके रोड पर यातायात परिवर्तित किया गया है। यातायात का भारी दबाव है। कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और रोहिणी से सिग्नेचर ब्रिज, जीटीके रोड, एनएच-44 और सिंघु बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड मार्ग पर जाने से बचें।'' 

उसने अन्य एक ट्वीट में कहा, ‘‘ टीकरी बॉर्डर पर भी यातायात बंद है। हरियाणा के लिए सीमावर्ती झाड़ौदा, ढांसा, दौराला झटीकरा, बाडूसरी, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच-8, बिजवासन / बजघेरा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं।'' केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों से बुराड़ी मैदान पहुंचने की अपील की थी और कहा था कि वहां पहुंचते ही केन्द्रीय मंत्रियों का एक उच्चस्तरीय दल उनसे बातचीत करेगा। किसानों के 30 से अधिक संगठनों की रविवार को हुई बैठक में किसानों के बुराड़ी मैदान पहुंचने पर तीन दिसम्बर की तय तारीख से पहले वार्ता की केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पेशकश पर बातचीत की गयी, लेकिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को स्वीकारने से मना कर दिया और सर्दी में एक और रात सिंघु तथा टीकरी बार्डरों पर डटे रहने की बात कही। उनके प्रतिनिधियों ने कहा था कि उन्हें शाह की यह शर्त स्वीकार नहीं है कि वे प्रदर्शन स्थल बदल दें। 

उन्होंने दावा किया कि बुराड़ी मैदान एक ‘खुली जेल' है। केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शनिवार को 32 किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में ठंड के मौसम और कोविड-19 की परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा था कि किसानों को बुराड़ी मैदान जाना चाहिए, जहां उनके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। भल्ला ने पत्र में कहा था, ‘‘ आपके बुराड़ी मैदान पहुंचते ही, अगले दिन ही केन्द्रीय मंत्रियों का एक उच्च स्तरीय दल विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा। 
 

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