Edited By Ajay kumar,Updated: 12 Dec, 2019 03:28 PM
कहते हैं कि भूख ही व्यक्ति से अच्छे-बुरे काम करवाता है। कहावत भी है पेट में जाए चारा तो नाचे बेचारा मगर भूख ने ताज नगरी के एक पिता-पुत्र को भूख से तड़पकर मरने को मजबूर कर दिया। बीमार...
आगराः कहते हैं कि भूख ही व्यक्ति से अच्छे-बुरे काम करवाता है। कहावत भी है पेट में जाए चारा तो नाचे बेचारा मगर भूख ने ताज नगरी के एक पिता-पुत्र को भूख से तड़पकर मरने को मजबूर कर दिया। बीमार होने के कारण वे बिस्तर से नहीं उठ पा रहे थे। खाना बनाना तो दूर की बात है। पहले पिता ने दम तोड़ा और बेटा अधमरे हालत में वहीं पड़ा रहा। जब पिता का शव सड़ने लगा तब जाकर पड़ोसियों को खबर लगी फिर लोगों ने पुलिस को खबर किया। जिस वक्त पुलिस पहुंची बेटे की नब्ज़ चल रही थी। उसे तुरंत अस्पताल भिजवाया गया लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
बता दें कि पिता-पुत्र घर में अकेले ही रहते थे। सोनू (बेटा) नौकरी करता था इसी से दोनों का गुजारा चल रहा था। वहीं होतू (पिता) लंबे समय से बीमार था जिस वजह से ज्यादातर चारपाई पर ही रहता था। सोनू ही अपने पिता की देखभाल किया करता था। दोनों की जिंदगी चल रही थी। मगर दर्दनाक यह हुआ कि कुछ दिन पहले ही सोनू का एक्सीडेंट हो गया। जिसके बाद वो भी चारपाई पर आ गया। इसके बाद कुछ दिनों तक तो होतू ने दोनों के लिए खाना बनाया लेकिन बाद में उसकी तबियत ने इसकी इजाज़त नहीं दी। लिहाजा इसके बाद दोनों में से कोई भी खाना नहीं बना सका।
एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया कि शव को देखने से लगता है कि होतू की मौत हुए काफी दिन बीत गए हैं। प्राथमिक जांच और पड़ोसियों से पूछताछ में दोनों की मौत बीमारी के चलते खाना न खा पाने और भूख से होना प्रतीत हो रहा है। इस संबंध में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के सही वजह का पता चलेगा। पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
वहीं पड़ोसियों ने भी बताया कि घर में काफी समय से खाना नहीं बना था। बीमारी के चलते दोनों (पिता-पुत्र) घर से बाहर भी नहीं निकले थे।