Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 29 Dec, 2021 04:11 PM
कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर हुई इनकम टैक्स की छापेमारी ने सबको चौंका दिया है। छापेमारी के दौरान मिले करोड़ों रुपए, सोना-चांदी सुर्खियों में है। वहीं अब पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित...
कानपुर: कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर हुई इनकम टैक्स की छापेमारी ने सबको चौंका दिया है। छापेमारी के दौरान मिले करोड़ों रुपए, सोना-चांदी सुर्खियों में है। वहीं अब पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित आवास से मिले 177.45 करोड़ रुपए की नकदी को डीजीजीआई (महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस) अहमदाबाद ने टर्नओवर की रकम माना है। डीजीजीआई की ओर से कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों से इसकी पुष्टि हुई है। डीजीजीआई की तरफ से कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों से इसका खुलासा हुआ है।
बताया जा रहा है कि करोड़ों की रकम को टर्नओवर दिखाने से पीयूष का केस बेहद कमजोर हो गया है। ऐसे में पीयूष सिर्फ पेनाल्टी की रकम अदा कर जमानत हासिल कर सकता है। जबकि ये पूरा मामला ब्लैक मनी का बनता था। ऐसे में अब आयकर विभाग विभाग भी ब्लैक मनी के मामले में कार्रवाई नहीं कर पाएगा। इससे आयकर विभाग भी काली कमाई मामले में कार्रवाई नहीं कर पाएगा। इस पर कर विशेषज्ञों का कहना है कि जानबूझकर या अनजाने में अफसरों ने केस को कमजोर कर दिया है। 22 दिसंबर को डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने शिखर पान मसाला, ट्रांसपोर्टर प्रवीण जैन और फिर इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर छापा मारा था।
आय किससे और कहां से हुई, इस संबंध में वह कोई दस्तावेज डीजीजीआई के सामने प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद भी अफसरों ने उसके बयान को आधार बनाकर कर चोरी का केस बनाकर कोर्ट में पेश कर दिया। इसमें 31.50 करोड़ टैक्स चोरी की बात कही गई। टैक्स पेनाल्टी और ब्याज मिलाकर यह रकम 52 करोड़ रुपए बैठती है।