Edited By Pooja Gill,Updated: 14 Nov, 2024 11:56 AM
वाराणसी: वाराणसी में देव दीपावली उत्सव से पहले महादेव की नगरी काशी देवों के स्वागत को तैयार हो रही है। देव दीपावली हर साल कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस साल यह उत्सव 15 नवंबर को मनाया जाएगा...
वाराणसी: वाराणसी में देव दीपावली उत्सव से पहले महादेव की नगरी काशी देवों के स्वागत को तैयार हो रही है। देव दीपावली हर साल कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस साल यह उत्सव 15 नवंबर को मनाया जाएगा। घाटों, कुंडों, तालाबों पर काशी की संस्थाओं की ओर से 21 लाख दीप जलाए जाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ भी देव दीपावली के उत्सव में शामिल होंगे। वहीं, 3डी लेजर शो के जरिए काशी का इतिहास, संतों और ऋषियों की कहानियां और गंगा नदी के ‘‘धरती पर अवतरण'' के महत्व को दिखाया जाएगा।
पौराणिक इतिहास को जीवंत कर देगा भव्य समारोह
जानकारी के अनुसार, परंपरा और आधुनिक प्रौद्योगिकी का मिश्रण यह 25 मिनट का 3डी लेजर शो दिन में चार बार- शाम साढ़े पांच बजे, सात बजे, आठ बजे और आठ बजकर 45 मिनट पर, दिखाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि लेजर शो में उच्च क्षमता वाले 24 प्रोजेक्टर का इस्तेमाल होगा, जो घाटों की ऐतिहासिक इमारतों पर काशी के धार्मिक और सांस्कृतिक विकास की जीवंत छवि बनाएंगे। वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया, ‘‘इस भव्य समारोह में प्रतिष्ठित दीपमाला और प्रसिद्ध गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा, लेकिन इसका मुख्य आकर्षण मल्टीमीडिया अनुभव होगा जो काशी के समृद्ध आध्यात्मिक और पौराणिक इतिहास को जीवित कर देगा।''
200 से अधिक लोगों की टीम कर रही काम
बताया कि ‘‘लेजर शो में शहर के इतिहास के महत्वपूर्ण क्षणों को दिखाया जाएगा, जिसमें काशी में भगवान शिव का आगमन, ऋषियों और मुनियों की कहानियां, भगवान बुद्ध की यात्रा और तुलसीदास तथा कबीर जैसे संतों का योगदान शामिल हैं।'' मंडलायुक्त ने कहा, ‘‘इस शो में मंदिरों और कुंडों के जीर्णोद्धार में अहिल्याबाई होल्कर के प्रयासों के साथ-साथ गंगा नदी के धरती पर अवतरण के महत्व पर भी प्रकाश डाला जाएगा।'' इसके साथ ही देव दीपावली क्यों मनाई जाती है और गंगा के धरती पर अवतरण की कहानी भी पर्यटक देख सकेंगे। लेजर शो को प्रसारित करने के लिए तकनीशियन तथा इंजीनियरों की लगभग 200 से अधिक लोगों की टीम घाट पर काम कर रही है।