Big News: बाबरी विध्वंस मामले में फैसला आज, यूपी में हाई अलर्ट

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Sep, 2020 09:53 AM

decision in babri demolition case today high alert in up

1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में 30 सितंबर यानी कि आज जटिल फैसला आने से पहले अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट कर दिया गया है। बाबरी विध्वंस को लेकर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट...

अयोध्याः 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में 30 सितंबर यानी कि आज जटिल फैसला आने से पहले अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट कर दिया गया है। बाबरी विध्वंस को लेकर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट द्वारा सुनाए जाने वाले फैसले को लेकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बाहर से आने वाली गाड़ियों की सघन चेकिंग की जा रही है। डाग स्क्वायड और बम स्क्वायड द्वारा भी अयोध्या के मंदिरों में और महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों की निगरानी की जा रही है। इसी के साथ अयोध्या के होटल और धर्मशाला ओं को भी खंगाला जा रहा है और बाहर से आकर रुके लोगों की जांच पड़ताल की जा रही है। इसके लिए पुलिस ने अलग-अलग शाखाओं के बीच समन्वय बनाने के लिए अफसरों की तैनाती की है और फैसले के बाद लोग एक जगह इकट्ठा ना हो इसको लेकर भी रणनीति बनाई गई है।
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सीबीआई के विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव 32 आरोपियों के समक्ष सुबह दस बजे फैसला सुनायेंगे हालांकि कई आरोपी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे लेकिन इनमें से कुछ निजी तौर पर अदालत में मौजूद होंगे। करीब 28 साल के लंबे अंतराल के बाद आने वाले ऐतिहासिक फैसले की संवेदनशीलता के मद्देनजर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं। नेपाल सीमा समेत सभी जिलों में सुरक्षा बलों को हाई अलटर् में रहने के निर्देश दिये गये है। इस मौके पर राम की नगरी अयोध्या में सुरक्षा बलों की पैनी नजर रहेगी जहां फैसले के समय कुछ आरोपी मौजूद होंगे। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा कि सीबीआई अदालत के फैसले के मद्देनजर सभी जिलों में सुरक्षा बलों को मुस्तैद रहने को कहा गया है। अयोध्या में सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये हैं।

आरोपियों के वकीलों के अनुसार पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा मुरली मनोहर जोशी की उम्र का लिहाज करते हुये अदालत में निजी तौर पर उपस्थित रहने से छूट दी गयी है। वे वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये अपनी मौजूदगी अदालत में दर्ज करायेंगे। इस दौरान उनके आवास के बाहर पुलिस तैनात रहेगी और अगर जरूरत पड़ी तो उन्हे घर में नजरबंद किया जा सकता है।

इसी प्रकार कोरोना संक्रमण से ग्रसित मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती,यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अलावा कोरोना से उबरने के बावजूद लगातार आक्सीजन पर चल रहे महंत नृत्य गोपाल दास अदालत में उपस्थित नहीं होंगे। मामले के आरोपी सतीश प्रधान समेत कुछ अन्य आरोपियों को भी बीमारी के कारण अदालत में मौजूद रहने से छूट प्रदान की गयी है। वकीलों ने बताया कि फैसला विस्तृत होगा क्योंकि सभी 32 आरोपियों पर आईपीसी की अलग अलग धाराओं के तहत मामले दर्ज हुये है। इसलिये अगर वह दोषी पाये जाते है तो सजा भी अलग अलग होगी। 


 

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