Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 27 Aug, 2021 01:07 PM
आमतौर पर पुलिस का अनुशासन और नियमों से गहरा नाता है मगर उत्तर प्रदेश पुलिस का अलग ही अध्याय चलता है। जहां इनका गहरा संबंध लापरवाही
चंदौलीः आमतौर पर पुलिस का अनुशासन और नियमों से गहरा नाता है मगर उत्तर प्रदेश पुलिस का अलग ही अध्याय चलता है। जहां इनका गहरा संबंध लापरवाही से है। प्रदेश के चंदौली जिले में 2018 में धान खरीद में हुए अनियमितता के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया। जिसकी विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में कोर्ट के आदेश पर एसपी चंदौली ने कार्रवाई करते हुए 6 दरोगा को सस्पेंड कर दिया।
बता दें कि 6 दरोगा को एक साथ निलंबित करने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। दरअसल 2018 में जिले के विभिन्न धान क्रय केंद्रों पर धान खरीद में भ्रष्टाचार सामने आने पर तत्कालीन डीएम नवनीत सिंह चहल के निर्देश पर सदर व चकिया कोतवाली समेत अन्य थानों पर 6 क्रय केंद्र प्रभारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। जिसकी विवेचना क्षेत्रीय हल्का प्रभारी कर रहे थे। कोर्ट में ट्रायल के दौरान यह बात सामने आ गई कि विवेचना में लापरवाही बरती गई जिसको लेकर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए एसपी चंदौली को इस मामले से जुड़े सभी विवेचकों पर कार्रवाई के लिए निर्देश किया। सस्पेंड किए गए दरोगा में चौथी यादव, शिवानंद वर्मा, सत्यनारायण शुक्ला, अवधेश सिंह, सुनील मिश्रा और राजकुमार हैं।
मामले को लेकर एएसपी दयाराम सरोज ने बताया कि 2018 में धन क्रय केंद्र प्रभारियों के खिलाफ अनियमितता बरते जाने का मुकदमा दर्ज किया था। जिसकी विवेचना में लापरवाही बरतने के आरोप में 6 दरोगा निलंबित किये गए है, फिलहाल सभी को पुलिस लाइन से सम्बद्ध किया गया है।